भाजपा के संभागीय संगठन मंत्रियों के कौशल-दक्षता की परीक्षा
भोपाल
प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा के संभागीय संगठन मंत्रियों के कौशल और उनकी दक्षता की परीक्षा होने वाली है। इंदौर और सागर के संभागीय संगठन मंत्री के लिए तो यह तीन साल के भीतर होने वाला दूसरा उपचुनाव है लेकिन रीवा के संभागीय संगठन मंत्री को इस दौरान अपने कौशल का लोहा मनवाना पड़ेगा। हालांकि वे भी अनूपपुर उपचुनाव में सक्रिय रहे हैं लेकिन रैगांव का उपचुनाव कार्यकर्ताओं को बांधे रखने के लिए चुनौती भरा होगा।
रीवा के संभागीय संगठन मंत्री श्याम महाजन को लेकर संभाग के नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस बात की नाराजगी रहती है कि वे कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद नहीं रख पा रहे हैं। ऐसे में रैगांव विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव के लिए मंत्रियों, सांसद, संगठन पदाधिकारियों के साथ उनकी सक्रियता तो रहेगी पर स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें तालमेल बनाने में दिक्कत हो सकती है। वे कार्यकर्ताओं से मुलाकात और परिचय के बाद भी अगली मुलाकात में यह पूछ लेते हैं कि आपका परिचय क्या है? इससे पार्टी नेताओं में नाराजगी है कि संभागीय संगठन मंत्री कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद बनाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
जयपाल चावड़ा के पास सबसे अधिक काम
संभागीय संगठन मंत्री के नाते सबसे अधिक काम इंदौर के संभागीय संगठन मंत्री जयपाल सिंह चावड़ा के पास है। वे खंडवा और जोबट के दौरे भी कर चुके हैं। खंडवा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा हैं और आने वाले दिनों में उन्हें कमोवेश हर विधानसभा के मंडल और बूथ स्तर पर अपनी मौजूदगी बतानी है। इसके साथ ही जोबट विधानसभा की कांग्रेस की परंपरागत सीट को हथियाने के लिए भी उन्हें अपनी संगठन कुशलता दिखानी होगी क्योंकि यहां की राह आसान नहीं है। यहां जिन मंत्रियों व सांसद विधायकों, संगठन नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है, उनका साथ भी बैठकों में समन्वय स्थापित करना होगा। दूसरी ओर पृथ्वीपुर में होने वाले उपचुनाव के लिए सागर संभाग के संभागीय संगठन मंत्री केशव सिंह भदौरिया को भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की बैठकों के लिए मेहनत करनी पडेÞगी क्योंकि बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के बाद उनके प्रति स्थानीय कार्यकर्ता की सहानुभूति को तोड़ने का काम भाजपा को करना है।
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