मध्य प्रदेश में इस सीट पर हुआ सबसे कम वोटों के अंतर से हार-जीत का फैसला

ग्वालियर
मध्यप्रदेश में इस बार सबसे कम वोटों के अंतर वाली जीत ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हुई है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को महज 121 मतों से हराया. गौरतलब है कि इस बार नारायण सिंह की जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन उनके नाम प्रदेश की सबसे छोटी और करारी हार दर्ज हुई है. कुशावाह ने इशारों ही इशारों में अपनी हार के पीछे भीतरघात और बगावत को वजह बताया है.
वैसे तो ग्वालियर जिले में ही भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन खासकर ग्वालियर दक्षिण सीट से बीजेपी के कद्दावर मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की हार ने बीजेपी को सकते में ला दिया है. कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा इस सीट पर बीते 15 साल से अजेय योद्धा की तरह बने हुए थे, इस बार भी नारायण सिंह कुशवाह को टिकट मिलने के बाद से ही पार्टी उनको जीता हुआ मान कर चल रही थी, लेकिन अंत में नाराय़ण सिंह 56248 वोट हासिल कर महज 121 वोट से हार गए. नारायण सिंह ने बातों ही बातों में भीतरघात और बागी समीक्षा को हार की वजह बताया है.
बीजेपी के कद्दावर मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को कांग्रेस के नए चेहरे प्रवीण पाठक के हाथों हार का सामना करना पड़ा. प्रवीण पाठक ने अपनी जीत का श्रेय इलाके की जनता और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया. प्रवीण पाठक का कहना है कि ये वक्त बदलाव का है, यही वजह है कि 15 साल से काबिज मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को जनता ने नकार दिया.
मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की बेहद नजदीकी मुकाबले में 121 वोटों की हार ने बीजेपी को सकते में ला दिया है. मंत्री कुशवाहा ने भी इशारों इशारों में हार के लिए अपने लोगों को जिम्मेदार बताया है. मंत्री ने कहा कि अपनी बात को वो पार्टी के मंच पर रखेंगे. इससे साफ है कि आने वाले दिनों में इनका गुबार सामने आएगा.