निगम के चलित बाजार ने 350 पैकेट बेचे

निगम के चलित बाजार ने 350 पैकेट बेचे

ग्वालियर
लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की कोशिश है कि लोगों को घरों तक राशन और सब्जियों के अलावा अन्य सुविधाएं मिल जाएं। प्रशासन ने  500 रुपए में राशन पहुंचाने के लिए नगर निगम की मदद लेकर चलित सुपर बाजार चला रखा है। तीन दिन से चल रहे सुपर बाजार की गाड़ी देखकर लोग पैकेट खरीदने आ रहे हैं। रविवार को 350 पैकेट शहर के विभिन्न हिस्सों में बेचे गए। इधर, स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने स्मार्ट तरीके से काम करते हुए नमस्ते जी आॅनलाइन एप के माध्यम से शहरवासियों को सुविधाएं देने का काम प्रारंभ कर दिया है। पहले दिन शाम पांच बजे तक 633 लोगों ने ऑनलाइन आर्डर किए। जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि जितने आर्डर मिले। सभी को सामान पहुंचा दिया गया है। हालांकि कुछ लोगों के घरों तक सामान नहीं पहुंचा है। वे बार-बार फोन लगाते रहे।

नगर निगम सस्ता राशन वितरित करने के लिए 13 अप्रैल से दो की जगह तीन वाहनों का उपयोग करेगा। रविवार को वार्ड 28 में जाकर 150 पैकेट बेचे गए। यह पैकेट शिवाजी नगर, भीमनगर और शिवनगर आदि जगह बेचे गए। इसके अलावा निंबाजी की खो क्षेत्र में 200 पैकेट बेचे गए। 13 अप्रैल को पहली गाड़ी कमानी पुल क्षेत्र में, दूसरी जगनापुरा क्षेत्र में और तीसरी नदी पार टाल पहुंचेगी।

विधायक प्रवीण पाठक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि गरीब तबके के साथ-साथ मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को भी राशन एवं जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं। चिंता का विषय यह है कि इस समय सबसे महत्वपूर्ण और गंभीर हालत निर्धन वर्ग की तो है ही, साथ ही मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग के सामने भी राशन एवं जरूरत की वस्तुओं की समस्या खड़ी हो गई है। किसी भी प्रकार की सरकारी योजना एवं राशन कार्ड से इन्हें राशन की पात्रता नहीं है। इस गंभीर विषय को लेकर मेरी आपसे अपेक्षा है कि उक्त वर्ग के लिए प्रशासकीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए जाएं कि वे इस समय बिना किसी भेदभाव और किसी भी राजनीतिक दबाव में आए समाज के सबसे कमजोर तबके, मध्यम एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लोगों तक राशन एवं भोजन की नियमित व्यवस्था करें। विधायक ने कहा है कि यह संकट का दौर है। इस दौर में इंसान को इंसान की जरूरत है। न कोई मंत्री है, न कोई विधायक और न कोई अधिकारी। सभी को एक-दूसरे का सहारा बनना है और जनता को इस गंभीर समस्या से उबारना है जो कि अब तक संभव नहीं हो पा रहा है।