चुनाव जीतने के बाद अब CM के चेहरे को लेकर पसोपेश में कांग्रेस

चुनाव जीतने के बाद अब CM के चेहरे को लेकर पसोपेश में कांग्रेस

रायपुर 
2014 के लोकसभा चुनावों मिली हार के बाद कांग्रेस एक अरसे से जीत के लिए तरस रही थी. पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों में कांग्रेस की बढ़त, सफलता की पहली सीढ़ी मानी जा सकती है. राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है. लेकिन कांग्रेस के लिए मुश्किल चुनाव जीतने से कम मुख्यमंत्री चुनने में भी नहीं है.

कांग्रेस कैंप में नई समस्या यह है कि तीनों राज्यों में किसे मुख्यमंत्री चेहरा बनाया जाए. यह मुकाबला राजस्थान और मध्यप्रदेश में कहीं ज्यादा रोचक है. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस के पास मुख्यंत्री पद के दो-दो प्रमुख दावेदार हैं जिन्हें जनता चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मानकर चल रही थी.

मध्यप्रदेश और राजस्थान में दो युवा चेहरे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट. दोनों का पर्याप्त जनाधार है. हालांकि पार्टी हाईकमान इन दोनों नेताओं को डिप्टी सीएम बनाकर राज्य काफी हद तक पार्टी में जारी घमासान कम कर सकते हैं.

राजस्थान में दो बार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत और पूर्व सांसद सचिन पायलट एक ही लाइन में खडे हैं. दोनों की भूमिका विधानसभा चुनावों में बेहद महत्वपूर्ण रही. दोनों मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.

मध्य प्रदेश में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री और लंबे समय तक सांसद रहे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ हैं तो वहीं गुना से युवा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के दावेदार देखे जा रहे हैं.

दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद के दो-दो सटीक दावेदार देख, कांग्रेस के आलाकमान 1998 में चली गई चाल दोहरा सकते हैं. उस वक्त अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे और पहली बाहर कांग्रेस ने कमला बेनिवाल को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाया था.

मध्यप्रदेश में 1980 में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह की कैबिनेट में शिव भानु सिंह सोलंकी डिप्टी सीएम रह चुके हैं. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुभाष गंगाराम यादव 1993 से 1998 के दौरान दिग्विजय सिंह सरकार में डिप्टी सीएम का कार्यभार संभाल चुके हैं. उनके बाद 1998 में ही जमुना देवी डिप्टी सीएम बनाई गईं.