ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाए देने वाले 200 डॉक्टरों के इस्तीफें...!, पीजी सीटों में आरक्षण नही मिलने से नाराज

ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाए देने वाले 200 डॉक्टरों के इस्तीफें...!, पीजी सीटों में आरक्षण नही मिलने से नाराज

ग्वालियर
एमबीबीएस करने के बाद बॉंड के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाए देने वाले प्रदेश के 80 डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले डॉक्टर्स 'इन सर्विस पॉलिसी' के तहत पोस्ट ग्रेज्युएट (पीजी) सीटों में आरक्षण नही मिलने से नाराज है। डॉक्टरों का आरोप है कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाए देने वाले डॉक्टर्स को पीजी सीटों में आरक्षण मिलता था, लेकिन सरकार ने 'इन सर्विस पॉलिसी' में बदलाव कर दिया है। इस कारण अब उन्हे आरक्षण का लाभ नही मिल रहा। खबर है कि सोमवार तक ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ 200 से ज्यादा यह मेडिकल आॅफिसर्स अपना इस्तीफा दे देंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संकट
ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले युवा डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल आॅफिसर्स के पद पर पदस्थ कर कार्य लिया जा रहा था। इन डॉक्टर्स के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस को लेकर ग्रामीणों की स्क्रीनिंग भी की जा रही थी, लेकिन इस्तीफा देने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर परेशानी खड़ी हो गई है।

मप्र में एमबीबीएस के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले चिकित्सा अधिकारियों को पीजी कोर्स में आरक्षण मिलता था। इसीलिए डॉक्टर्स विषम परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं वहां देते थे। कोरोना वायरस को हराने के लिए भी बिना सुरक्षा इंतजामों के हम कार्य कर रहें थे, लेकिन सरकार द्वारा पीजी सीटों का आरक्षण खत्म किए जाने से हमें अब अपना भविष्य अंधकार मे लग रहा है। इसलिए हम इस्तीफा दे रहें है। अब तक प्रदेश भर से 80 डॉक्टर्स ने इस्तीफे दे दिए है। जबकि सोमवार तक यह 200 से ज्यादा हो जाएगी।
डॉ.सूर्यकांत शर्मा, ग्वालियर