रेत माफिया द्वारा पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार, पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन

रेत माफिया द्वारा पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार, पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन

रेत माफिया द्वारा पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार, पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन

स्व. अरूण वर्मा को दी श्रृद्धांजलि

कलेक्टर एसपी से मिले पत्रकार

sand-mafia-behaves-abusively-with-journalist-journalists-submit-memo Syed Javed Ali मण्डला - बुधवार को रेस्ट हाऊस में पत्रकारों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के पत्रकारों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई बैठक का मुख्य उद्देश्य पत्रकार साथी आकाश रघुवंशी के साथ रेतमाफिया द्वारा अभद्र व्यवहार, गाली-गलौच करने के साथ ही पत्रकारों के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग करना मुद्दा रहा, जिस पर एक मतेन निर्णय लेने के बाद पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला से मुलाकात की और सम्पूर्ण घटना क्रम की जानकारी देते हुए रेत माफिया के ऊपर कड़ी कार्यवाही किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया। साथ ही रेत माफिया द्वारा दी गई धमकी का ऑडियो भी दिया। वहीं पत्रकारों ने मण्डला कलेक्टर से मुलाकात कर जिले के वरिष्ठ पत्रकार अरूण वर्मा के निधन हो जाने पर उनके परिजनो को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख की आर्थिक सहायता को लेकर ज्ञापन सौंपा, वही कलेक्टर को रेत माफिया की करतूतों से अवगत कराते हुए जिले में प्रशानिक गतिविधियों पर चर्चा की। वहीं बैठक में निर्णय लिया गया कि अब हर माह पत्रकारों की बैठक आयोजित होगी। पत्रकारों के साथ रिर्पोटिंग के दौरान आ रही कठिनाईयों को लेकर चर्चा आदि कर जिले के विकास को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण कराया जाएगा। वहीं बैठक के बाद समस्त पत्रकारों ने स्व. वरिष्ठ पत्रकार अरूण वर्मा को श्रृद्धांजलि देते हुए 2 मिनट का मौनधारण किया। sand-mafia-behaves-abusively-with-journalist-journalists-submit-memo इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार सुनील दुबे, प्रकाश जयसवाल, राजेश साहू, सलिल राय, धमेन्द्र पाण्डे, नीरज अग्रवाल, स्माईल खान, चन्द्रेश खरे, विमलेश मिश्रा, हनुमान तिवारी,आनंद सोनी, सिकन्दर अली, लखन भाण्डे, संतोष तिवारी, मनीष तिवारी, विदीप मरकाम, शिव दोहरे, पवन राय, सुरेन्द्र श्रीवास, मुकेश श्रीवास, संकट मोचन चंद्रौल, विजेन्द्र साहू, विनय साडिंल्यकर, हेमन्द ठाकुर, साकिर खान, अल्लू चौरसिया, अनमोल अग्रवाल, दीपक रजक, अशोक मिश्रा, अरविन्द सोनी, देवेन्द्र यादव, इन्द्रजीत भण्डारी, प्रमोद धनगर, शैलेष सिंगरौरे, प्रीतम वर्मन, हरवंश ठाकुर, मंगल सिंह, अमित चौरसिया, प्रशांत पटैल, अनवर खान, राजेन्द्र बंजारा, देवेन्द्र महान, पंकज कटारे, अमित भोलू अग्रवाल, संतोष नंदा सहित अनेक पत्रकार साथी उपस्थित रहे। प्रेस की आजादी पर सर्वोच्च न्यायालय समय-समय पर संविधान के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए प्रेस की आजादी की व्याख्या की है। चूकीं मीडिया प्रेस का ही और विस्तारित स्वरुप है इसलिए हम मीडिया की आजादी को हम प्रेस की आजादी के समरूप मान सकते है। सार्वजनिक मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बहस,चर्चा,परिचर्चा, किस भी अमेचर का प्रकाशन और मुद्रण, किसी भी विचार या वैचारिक मत का मुद्रण और प्रकाशन, किस भी श्रोत से जनहित की सूचनाएं एवम तथ्य एकत्रित करना, सरकारी विभागों-सरकारी उपक्रमों सरकारी प्राधिकर्णों और लोकसेवको कार्यों एवम कार्यशैली की समीक्षा करना, उनकी आलोचना करना, प्रकाशन या प्रकाशन सामग्री का अधिकार अर्थात कौन सी खबर प्रकशित या प्रसारित करनी है। मीडिया माध्यम का मूल्य/शुल्क निर्धारित करना, माध्यम के प्रचार के लिए नीतिकरण और अपनी योजनानुसार, सरकारी दबाव से मुक्त रहकर संबंधी गतिविधि चलाना, यदि किसी कर के प्रसार पर विपरीत प्रभाव पडता हो टॉस कर से मुक्ति। प्रेस की स्वतन्त्रता में पुस्तिकाएं, पत्रक और सूचना के अन्य भी सम्मिलित है।