दस दिन पहले ही खत्म विधानसभा का बजट सत्र

दस दिन पहले ही खत्म विधानसभा का बजट सत्र

आसंदी के सामने लेटे कांग्रेस विधायक सुरेश-चावला

सज्जन बोले-सीएम के इशारे पर अध्यक्ष ने की स्थगित

भोपाल। 25 मार्च तक प्रस्तावित विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दस दिन पहले ही खत्म हो गया। दरअसल, इसके संकेत तभी मिल गए थे जब विधानसभा सचिवालय ने एक ही दिन में सभी विभागों की अनुदान मांगों को कार्यसूची में शामिल कर लिया था। विधानसभा में बुधवार को वित्त मंत्री ने बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर देने के साथ विनियोग और वित्त विधेयक भी पेश किया। बजट पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। वहीं संवाददाताओं से चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारे पास लिखित में है। इसलिए कार्यवाही बुधवार को पूरी की गई है। इधर, कांग्रेस विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि अगर कमलनाथ और गोविंद सिंह ने ऐसा कहा होगा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और नहीं कहा होगा तो मंत्री नरोत्तम और सीएम शिवराज इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि सीएम के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा स्थगित है। हमें उन पर भरोसा नहीं है। जरूरत पड़ी तो इनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

जीतू पटवारी को नोटिस
पूर्व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को राज्यपाल अभिभाषण का बहिष्कार करने के मामले में नोटिस जारी किया गया। इस पर कांग्रेस बिफर गई। नोटिस पर डॉ. गोविंद सिंह ने विरोध दर्ज कराया, जिस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस पर कोई खेद प्रकट नहीं करेगा। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पटवारी को जो नोटिस दिया है वो नियमों की परिधि के बाहर जा कर दिया गया है। सदन के बाहर कही गई बात पर सरकार के दबाव में नोटिस दिया गया है। 

कांग्रेस लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम ने कहा कि नोटिस दिया है उसका जवाब दें और अपनी बात रखें। सज्जन वर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। पार्टी विधायक सुरेश राजे और मनोज चावला आसंदी के सामने लेट गए। कांग्रेस के दूसरे विधायकों ने भी आसंदी के सामने नारेबाजी की।   

विस अध्यक्ष नाराज
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के पत्रों का जवाब नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने उनके संज्ञान में भी यह बात लाई है कि उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता। यह गंभीर बात है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।