तय मद से अलग खर्च करने सरकार ने बदले बजट खर्च के नियम

तय मद से अलग खर्च करने सरकार ने बदले बजट खर्च के नियम

भोपाल
राज्य सरकार ने राजभवन, विधानसभा और हाईकोर्ट के प्रमुख सचिवों और रजिस्ट्रार के वित्तीय अधिकारों मेंं इजाफा किया है। राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर ये सभी अपने विभागों के अंदर दस करोड़ रुपए तक की राशि जरूरत के मुताबिक बजट में स्वीकृत मद से अलग हटकर अन्य मदों में खर्च कर सकेंगे।

संचालक बजट आइरिन सिंथिया ने बजट पुनर्विनियोजन और बचतों के समर्पण को लेकर पूर्व में जारी सभी आदेशों को अधिक्रमित करते हुए यह निर्देश जारी किए है। इसमें राजभवन, विधानसभा, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण  के विभागाध्यक्षों को उनके प्रशासकीय विभागों के पुनर्विनियोजन के अधिकार दिए हैं। ये अपने विभागों में दस करोड़ रुपए तक की बजट राशि का पुनर्विनियोजन कर सकेंगे। याने किसी मद विशेष के लिए बजट मे स्वीकृत राशि को वहां जरूरत नहीं होने पर दूसरी मद में खर्च किया जा सकेगा।

प्रशासकीय विभाग योजना शीर्ष में यह राशि पुर्नविनियोजित कर सकते हैं। इसमें समान सेगमेट कोड याने सामान्य, अनुसूचित जनजाति उपयोजना, अनुसूचित जनजाति उपयोजना जैसे अलग-अलग सेगमेंट में यह राशि खर्च की जा सकेगी। जिस उद्देश्य से राशि पुनर्विनियोजित की जा रही है, उस उद्देश्य शीर्ष के अंतर्गत मूल बजट अनुमान का पचास प्रतिशत तथा जिसमें पुनर्विनियोजन किया जाना है, उस उद्देश्य शीर्ष के मूल बजट अनुमान का पचास फीसदी सीमा के भीतर यह खर्च किया जा सकेगा। पुनर्विनियोजन के लिए विभाग के वित्तीय सलाहकार से सहमति लेना होगा।

मतदेय से भारित और भारित से मतदेय, एक मांग संख्या से किसी अन्य मांग सख्ंया में, पूंजी अनुभाग से राजस्व अनुभाग तथा राजस्व अनुभाग से पूंजी अनुभाग में, नई सेवा पर होने वाले खर्च और जिनमें शून्य प्रावधान है। वहां यह राशि खर्च नहीं की जा सकेगी।