भाजपा की खबरों का बायकाट करेंगे पत्रकार, गालीबाज नेता इंद्रजीत सिंह छाबड़ा ऊर्फ सुंदरु पर कार्रवाई की मांग

भाजपा की खबरों का बायकाट करेंगे पत्रकार, गालीबाज नेता इंद्रजीत सिंह छाबड़ा ऊर्फ सुंदरु पर कार्रवाई की मांग

कोयलांचल के पत्रकार बंधेंगे काली पट्टी

शहडोल।जिले के धनपुरी नगर पालिका से जुड़ी एक खबर प्रकाशित होने के बाद राजनीति और पत्रकारिता जगत में हड़कंप मच गया है। समाचार छपने से आहत होकर पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष एवं वर्तमान नगरपालिका धनपुरी अध्यक्ष पति इंद्रजीत सिंह छाबड़ा ने कथित रूप से वरिष्ठ पत्रकार कैलाश लालवानी से फोन पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी।

पत्रकार की शिकायत पर धनपुरी पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए धारा 294 (अश्लील भाषा का प्रयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत छाबड़ा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना से जिलेभर के पत्रकारों में भारी आक्रोश फैल गया है।

पत्रकारों ने किया रोष प्रदर्शन व पुतला दहन का किया ऐलान, थाना प्रभारी को संयुक्त रूप से सौंपा ज्ञापन। अब पत्रकारों ने एकजुट होकर 4 नवंबर को दोपहर 1 बजे बुढार कॉलेज तिराहे पर ‘गालीबाज नेता’ का पुतला दहन करने का निर्णय लिया है। पत्रकार संगठनों ने प्रशासन को आवेदन देकर शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति मांगी है।

पत्रकारों का कहना है कि यह घटना न केवल पत्रकारिता की गरिमा पर हमला है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी जैसी संस्कार और समर्पण वाली पार्टी के मूल सिद्धांतों को भी कलंकित करती है। उन्होंने सवाल उठाया — “संस्कार, त्याग और समर्पण की बात करने वाली भाजपा में ऐसे गालीबाज नेता का संरक्षण आखिर किसके इशारे पर हो रहा है? क्या पार्टी नेतृत्व को यह अभद्र आचरण स्वीकार्य है?”

पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि जब तक छाबड़ा को सांसद प्रतिनिधि पद से हटाया नहीं जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। इसके साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि जब तक दोषी नेता पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक भाजपा से जुड़ी कोई खबर प्रकाशित नहीं की जाएगी।
पत्रकार संगठन ने कहा कि यह आंदोलन किसी दल विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि उस विचारधारा के विरोध में है जो अभद्रता, अहंकार और दबाव की राजनीति को बढ़ावा देती है।

वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा —“पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं। यदि सत्ता से जुड़े लोग धमकी और गाली देकर उन्हें डराने की कोशिश करेंगे, तो यह सीधे लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा जैसे बड़े संगठन में ऐसे व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।”
पत्रकार संघों ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व और सांसद से तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने चेताया कि यदि दोषी को पद से नहीं हटाया गया, तो आंदोलन जिला स्तर से बढ़कर संभाग और प्रदेश स्तर तक ले जाया जाएगा।
आम नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी पत्रकारों के आंदोलन का समर्थन किया है। उनका कहना है कि पत्रकारों के साथ अभद्रता और धमकी लोकतंत्र में अस्वीकार्य है।

कल का दिन जिले के पत्रकार आंदोलन का निर्णायक पड़ाव माना जा रहा है, जब कोईलांचल क्षेत्र के पत्रकार एक स्वर में यह संदेश देंगे — “गालीबाजों के सामने कलम नहीं झुकेगी, सच की आवाज़ को दबाना अब किसी के बस में नहीं।”

यह पूरा प्रकरण एक बार फिर इस बहस को जन्म दे गया है कि पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता के प्रति प्रशासन और राजनीतिक वर्ग कितने संवेदनशील हैं। अब निगाहें धनपुरी पुलिस की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं। पत्रकार समाज ने स्पष्ट कहा है  “यदि इंसाफ नहीं मिला, तो आंदोलन का दायरा और भी व्यापक किया जाएगा।”