नक्सलियों ने बैनर लगा जताया विरोध, माना 'सर्जिकल स्ट्राइक' में मारे गए उनके सदस्य

दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बैनर व पर्चे फेंककर रेल मार्ग प्रभावित किया. इस बैनर व पर्चों में नक्सलियों ने माना कि बीजापुर के तिमेनार में दंतेवाड़ा पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में उनके सदस्य मारे गए हैं. दंतेवाड़ा की डीआरजी और एसटीएफ द्वारा की गई इस कार्रवाई में आठ नक्सलियों को मारने का दावा किया गया था. इसमें छह महिला नक्सलियों सहित सभी का शव भी बरामद कर लिया गया था. दंतेवाड़ा पुलिस की बीजापुर में की गई इस कार्रवाई को अनौपचारिक तौर पर सर्जिकल स्ट्राइक भी कहा गया. दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा की गई इसी कार्रवाई का नक्सलियों ने विरोध किया है. नक्सलियों ने विरोध स्वरूप बुधवार देर रात रेल मार्ग प्रभावित कर दिया. इसके तहत कमालूर-भांसी के बीच रेल पटरियां उखाड़ दीं. इसके अलावा नरेली के बपास रेल मार्ग पर पेड़ काटकर गिरा दिया. इससे बुधवार रात करीब दस बजे से दंतेवाड़ा में रेल आवाजाही प्रभावित है. कमालूर-भांसी के बीच नक्सलियों ने जहां रेल पटरियां उखाड़ी हैं, वहीं बैनर व पर्चे भी फेंके हैं. बैनर व पर्चों में मृतकों के आदर्शों पर चलने की बात भी नक्सलियों ने बैनर में लिखी है. नक्सलियों ने सुरक्षा बल के जवानों पर मुठभेड़ के नाम पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है. इसके विरोध स्वरूप ही रेल मार्ग प्रभावित किया गया. नक्सल संगठन के भैरमगढ़ एरिया कमेटी के सचिव सुमित्रा के नाम से जारी बैनर व पर्चों में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली गांव कस्बो में शहीद सप्ताह मनाने की बात भी लिखी है. बता दें कि आमतौर पर सुरक्षा बल के जवानों द्वारा नक्सल हिंसा के खिलाफ की गई कार्रवाई को नक्सल संगठनों द्वारा फर्जी बताया जाता रहा है. ज्यादातर मुठभेड़ के बाद नक्सली बैनर पोस्टर जारी कर सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए लोगों को ग्रामीण व निर्दोष आदिवासी बताते हैं, लेकिन ऐसा मौका कम ही है जब नक्सली खुद बैनर लगाकर मारे मुठभेड़ में मारे गए लोगों का अपना सदस्य मानते हों. गौरतलब है कि बीजापुर के तिमेनार में 19 जुलाई को बड़ा नक्सल कैडर गड़ेश उइके की मौजूदगी कर सूचना पर दंतेवाड़ा की डीआरजी और एसटीएफ टीम ने रणनीति बनाकर कार्रवाई की थी. इसमें नक्सल संगठन के प्लाटून नम्बर 13 का सेक्शन कमांडर चंदू, भैरमगढ़ एरिया कमेटी की सप्लाई कमांडर मंगली, भैरमगढ़ एरिया कमेटी सदस्य जैनी और पीपी सदस्य सुगना को मार गिराया गया था. चारों पांच पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली बताए गए. इसके साथ ही भीमे, कुमारी, सनकु और हड़में को मारा गया था. इन चारों नक्सलियों पर एक एक लाख रुपये का इनाम घोषित होना बताया गया.