शिव सैनिक ढांचा न गिराते तो मंदिर बनाने की बात ही नहीं होती: शिव सेना

शिव सैनिक ढांचा न गिराते तो मंदिर बनाने की बात ही नहीं होती: शिव सेना

लखनऊ 
शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को जो ढांचा गिराया गया था, उसमें सबसे बड़ी भूमिका शिव सैनिकों की थी। अगर शिवसैनिक उस ढांचे को ना गिराते तो आज मंदिर बनाने की बात तक ना हो रही होती। उन्होंने कहा कि आज केंद्र और प्रदेश दोनों जगह बीजेपी की बहुमत की सरकार है। सरकार को अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण करवाना चाहिए।  
 
हमारी किसी से प्रतियोगिता नहीं 
राउत ने कहा कि वीर सावरकर और बाला साहब ठाकरे हिंदुत्व के प्रखर प्रणेता थे। बाबरी ढांचा गिराने के मामले में बाला साहब ठाकरे भी आरोपित थे। शिवसेना चाहती है कि अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि शिवसेना की विश्व हिन्दू परिषद (VHP), आरएसएस अथवा किसी राजनीतिक पार्टी के साथ कोई प्रतियोगिता नहीं है। शिवसेना का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी सब मंदिर बनाना चाहते हैं। यदि वो मंदिर बनाना चाहते हैं तो हम उनके साथ हैं। 

खासतौर से बोले 'फैजाबाद'
राउत ने जिले को अयोध्या बोलने के बजाय विशेष रूप से 'फैजाबाद' शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे 24 तारीख को 'फैजाबाद' में लैंड करेंगे। दोपहर 1:30 बजे से शुरू होकर उनके कई कार्यक्रम हैं। महंत नृत्य गोपालदास भी उनके साथ इन कार्यक्रमों में रहेंगे। दिन के कार्यक्रमों के बाद शाम 5:30 बजे उद्धव सरयू आरती में शामिल होंगे। दूसरे दिन 25 तारीख को शिवसेना प्रमुख कार्यकर्ताओं सहित सुबह 9 बजे रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद उनकी प्रेसवार्ता का कार्यक्रम है। प्रेसवार्ता के बाद उद्धव ठाकरे 'फैजाबाद' की गुलाब बाड़ी में 'जनसंवाद' करेंगे। 

राम मन्दिर निर्माण कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं 
राउत ने कहा कि 'जनसंवाद' कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में रामभक्त और मंदिर निर्माण चाहने वाले कार्यकर्ता वहां पहुंचेंगे। राउत ने कहा कि राम मन्दिर का निर्माण कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यह आस्था एवं धर्म का कार्य है, इसमें न्यायालय कुछ नहीं कर सकता। हमने सरकार से अपील की है कि आप अध्यादेश लाइए और 2019 से पहले मन्दिर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दीजिए। 

अब ना बने चुनावी मुद्दा 
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की मंशा है कि राम मन्दिर देश में किसी चुनाव का मुद्दा नहीं बनना चाहिए। यदि बहुमत मिलने के बाद भी राम मन्दिर नहीं बनता है तो कहीं न कहीं अब इस विषय को विराम देने की आवश्यकता है। इसके लिए जल्द से जल्द मन्दिर का निर्माण शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम वहां दहशत फैलाने नहीं जा रहे, आस्था के साथ मंदिर निर्माण के प्रयासों में लगे हैं।