महंगी पड़ सकती है UP अपना दल की नाराजगी

महंगी पड़ सकती है UP अपना दल की नाराजगी

 
लखनऊ   
 
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पुराने सहयोगियों में से एक अपना दल ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. पार्टी ने एनडीए से अलग होने की अनकही चेतावनी तक दे डाली है. आपको बता दें कि यूपी से अपना दल के 2 सांसद हैं और 9 विधायक हैं. अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने जब लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती की तारीफ की और साथ ही एनडीए के गठबंधन को पत्थर की लकीर मानने से इंकार कर दिया तो साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी का गठबंधन डगमगा रहा है.

आखिर क्यों खफा हैं अनुप्रिया पटेल:

-अपना दल को लगता है बीजेपी अनुप्रिया पटेल को सिर्फ मिर्जापुर तक सीमित कर देना चाहती है. अनुप्रिया पटेल को प्रधानमंत्री के बड़े कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता है. स्वास्थ्य राज्यमंत्री होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन में केंद्रीय मंत्री को बुला लेते हैं लेकिन अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाते. 

-यूपी में प्रधानमंत्री या केंद्र सरकार के बड़े कार्यक्रमों को सिर्फ यूपी की सरकार इसे सिर्फ बीजेपी तक सीमित कर देती है, जबकि एनडीए के दूसरे घटकों को कोई तवज्जो नहीं देती.

-ऊपरी तौर पर देखें तो लगता है कि तमाम सहयोगी कमजोर होती बीजेपी से मोल भाव करने में जुटे हैं, लेकिन अपना दल कई और वजहों से उत्तर प्रदेश बीजेपी से नाराज है. इनकी नाराजगी योगी आदित्यनाथ और पार्टी अध्यक्ष से भी दिखती है. 

- अपना दल इसलिए भी नाराज है क्योंकि उत्तर प्रदेश में उसकी उपेक्षा हो रही है. पार्टी का कहना है कि बड़े कार्यक्रमों में अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया जाता है. अपना दल के कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं मिलती. 

-हाल में अलग-अलग आयोगों में हुई तैनातियों में भी अपना दल को जगह नहीं दी गई है. योगी सरकार हाल में कई आयोग और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां की हैं. महिला आयोग, दलित आयोग, अल्पसंख्यक आयोग के साथ-साथ दलित निगम आदि में नियुक्ति की गई है, लेकिन अपना दल का आरोप है कि उनके लोगों और कार्यकर्ताओं को किसी निगम और आयोग में कोई जगह नहीं दी गई है.

-इसके अलावा अपना दल योगी मंत्रिमंडल का विस्तार भी चाहता था, जिसमें आशीष पटेल जो कि अनुप्रिया पटेल के पति भी हैं उनकी दावेदारी भी स्पष्ट थी लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार भी फिलहाल टाल दिया गया है. यह भी अपना दल के नाराजगी की वजह मानी जा रही है. 

-अब तक अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल या उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल इसलिए चुप थे क्योंकि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल विस्तार होगा लेकिन फिलहाल वह भी टल गया है.

उत्तर प्रदेश में अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने जैसे ही बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला सियासत एक बार फिर गरमा गई. आशीष पटेल ने बीजेपी को उसे हल्के में ना लेने की हिदायत दी. आशीष पटेल के बयान के सामने आते ही बीजेपी बचाव की मुद्रा में है.

बीजेपी ने कहा कि अपना दल को पार्टी ने गंभीर सहयोगी माना है और हमेशा उन्हें तवज्जो दी गई है. अपना दल के नेता हमारे शीर्ष आलाकमान से टच में हैं,  इसलिए उनकी नाराजगी पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती.  यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीजेपी के सहयोगी के लिए महागठबंधन के दरवाजे खुले रहने की बात कर अपना दल को एक संदेश दे दिया है. ऐसे में बीजेपी को अपने सहयोगियों को जोड़कर रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि सूत्रों की मानें तो अपना दल महागठबंधन से भी संपर्क में है.