दिल्ली में हुई हिंसा के खिलाफ याचिकाओं पर आज SC करेगा सुनवाई
नई दिल्ली
कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी, लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर हिंसा फैल गई, इस हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर आज शीर्ष अदालत सुनवाई करेगा। जस्टिस एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यन और चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इन यााचिकाओं पर सुनवाई आज करने वाली है।
आपको बता दें कि दायर याचिकाओं में से एक में एनआईएको इस मामले की जांच के निर्देश देने की मांग की गई है तो एक में सुप्रीम कोर्ट से 'तिरंगे' का अपमान करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है। आपको बता दें केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 2 महीनों से भी ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं पर लोहे की कीलों के साथ ही सीमेंट डालकर मजबूत बैरीकेडिंग कर दी है।
सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं और यहां प्रदर्शनकारियों पर पैनी नजर बनाए हैं। मालूम हो कि 26 जनवरी को जिस तरह से दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई उसके बाद प्रशासन प्रदर्शनकारियो को दिल्ली में आने से रोकने के लिए ये कदम उठाया है। हाल ही में किसानों और स्थानीय लोगों के बीच भी सिंघु बॉर्डर पर झड़प हुई थी, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और लोग घायल हो गए थे। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में आरएएफ, सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं, हालांकि इनकी संख्या पहले की तुलना में कम है।
हाईवे के अलावा प्रदर्शन स्थल को जोड़ने वाली दूसरी सड़कों को भी सीमेंट के बैरिकेड से दोनों ओर बंद कर दिया गया है। वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि हमे इन बैरिकेड, दीवारों से कोई फर्क नहीं पड़ता, ये हमारे हौसलों को नहीं तोड़ सकते हैं। किसानों का कहना है कि 26 जनवरी की घटना एक षड़यंत्र थी ताकि हमारी छवि को खराब किया जा सके, लेकिन इसके बाद हमारा प्रदर्शन और भी मजबूत हो गया है।
bhavtarini.com@gmail.com 
