क्‍या इजरायली दूतावास के बाहर ब्‍लास्‍ट और 2012 में हुए हमले के तार जुड़े हैं ?

क्‍या इजरायली दूतावास के बाहर ब्‍लास्‍ट और 2012 में हुए हमले के तार जुड़े हैं ?

नई दिल्‍ली
इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार शाम हुआ धमाका किसी गहरी साजिश की एक कड़ी हो सकता है। हो सकता है कि इसके तार 2012 में इजरायली डिप्‍लोमेट्स पर हुए हमलों से जुड़े हों। यह आशंका भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मलका ने जताई है। उन्‍होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि "साल 2012 में, दिल्‍ली में इजरायली डिप्‍लोमेट्स पर एक आतंकी हमला हुआ था जो कि दूतावास से ज्‍यादा दूर नहीं था। हो सकता है ये जुड़े हों, कोई पैटर्न हो। हम इसकी जांच कर रहे हैं और यह विकल्‍पों में से एक है।" मलका ने शक जताया है कि शुक्रवार को हुआ धमाका एक 'आतंकी हमला' हो सकता है।

2012 में क्‍या हुआ था?
13 फरवरी, 2012 को भारत में तैनात एक इजरायली डिप्‍लोमेट की कार को निशाना बनाया गया था। कार में डिप्‍लोमेट की पत्‍नी, ताल येहोशुआ कोरेन मौजूद थीं जो अपने बच्चों को स्‍कूल से लेने जा रही थीं। कार में पीछे से आए मोटरसाइकिल सवार ने मैग्‍नेटिक एक्‍सप्‍लोजिव डिवाइस (स्टिकी बम) लगा दिया था। जब कार औरंगजेब रोड की ट्रैफिक लाइट पर रुकी थी तो अचानक उससे आग की लपटें निकलने लगीं। कोरेन बाल-बाल बच गई थीं। ठीक उसी दिन जॉर्जिया में भी एक इजरायली डिप्‍लोमेट की कार में बम प्‍लांट किया गया था। थाइलैंड और मलेशिया से भी संदिग्‍धों को पकड़ा गया था।

2012 में जहां हुआ था हमला, उसी रोड पर है दूतावास
2012 में जिस औरंगजेब रोड पर कार में बम प्‍लांट किया गया था, शुक्रवार को उसी रोड पर स्थित इजराइली दूतावास के पास मामूली IED ब्‍लास्‍ट हुआ। दिल्ली पुलिस ने बताया कि IED में शाम पांच बजकर पांच मिनट पर विस्फोट हुआ। गनीमत ये रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। मोसाद, दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल के अलावा नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी भी इस धमाके की जांच कर रही है। नैशनल सिक्‍योरिटी गार्ड (NSG) की एक टीम को भी ब्‍लास्‍ट में यूज विस्‍फोटकों की जांच करने को लगाया गया है।

ईरान पर उठी थीं उंगलियां, इसबार भी उसी पर शक
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू ने तब ईरान पर ये हमले कराने का आरोप लगाया था। हालांकि तेहरान ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था। दूतावास के बाहर शुकवार को हुए धमाके के पीछे भी ईरान का हाथ होने की बात कही जा रही है। खुफिया एजेंसी मोसाद को ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और कुद्स फोर्स पर शक है।

2012 धमाकों की जांच में क्‍या निकला था?
मलेशिया में पकड़े गए शख्‍स ने ईरान में भारतीय दूतावास के जरिए भारतीय वीजा के लिए अप्‍लाई किया था। उसने अपने वीजा फॉर्म पर कॉन्‍टैक्‍ट नंबर लिखा था और वो नंबर एक भारतीय नंबर के संपर्क में पाया गया था। वह नंबर होशांग अफशार ईरानी का था जिसने दिल्‍ली में बम प्‍लांट किया था। ईरानी करोल बाग के होटल हाई 5 लैंड के कमरा नंबर 305 में रुका था। कमरे की छत से विस्‍फोटक बनाने के सबूत मिले थे। पुलिस ने पत्रकार सैयद मोहम्‍मद अहमद काजमी को ईरानी के संपर्क में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे मार्च 2012 में गिरफ्तार किया गया था मगर बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे का ट्रायल होना बाकी है।