प्रतिमा विसर्जन के साथ सपंन्न हुआ दस दिवसीय गणेशोत्सव

प्रतिमा विसर्जन के साथ सपंन्न हुआ दस दिवसीय गणेशोत्सव
amjad khan शाजापुर। गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ...के नारे के साथ मंगलवार को मंगलमूर्ति श्रीगणेश को विदा किया गया। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते चौक-चौराहों पर सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों के द्वारा गजानन की स्थापना नही की गई थी और सभी श्रद्धालुओं ने घरों में ही मंगलमूर्ति की स्थापना की थी, जिनका अनंत चतुर्थी पर विसर्जन किया गया। वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते शहर में विसर्जन जुलूस भी नही निकाला गया और प्रशासन ने आजाद चौक, महूपुरा चौराहा और बस स्टैंड सहित अन्य क्षेत्रों में पाइंट लगाकर गणेश प्रतिमाओं को एकत्रित किया और बाद में सभी प्रतिमाओं का भैरव डूंगरी के समीप स्थित तालाब में विसर्जन किया गया। इसीके साथ कई परिवार के लोग भी भैरव डूंगरी पहुंचे और प्रशासन की टीम के सहयोग से भगवान गणेश को विसर्जित कर विदाई दी। गौरतलब है कि घरों में विराजित भगवान लंबोदर 10 दिनों से भक्तों पर अपनी कृपा बरसा रहे थे जिन्हे चर्तुदशी के दिन विधि-विधान के साथ विदाई दी गई और इसीके साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन भी हो गया। शहर में बनाए मूर्ति संग्रहण स्थल उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष सामूहिक रूप से गणेश विसर्जन के जुलूस पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था। साथ ही कोरोना गाईड लाइन का पालन हो और नदी-नालों में जुलूस के रूप में पहुंचकर मूर्तियों का विसर्जन नही किया जा सके इसको लेकर प्रशासन ने महूपुरा चीलर नदी, आजाद चौक, बस स्टैंड क्षेत्र में मूर्ति संग्रहण स्थल बनाया और मूर्तियों को संग्रहित कर भैरव डूंगरी के समीप तालाब में विसर्जित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर मंगलकामनाएं की।