rafi ahmad ansari
बालाघाट। वन विभाग के दक्षिण उत्पादन वन मंडल के अंतर्गत आने वाले गर्रा काष्टागार में उत्पादन परिक्षेत्र अधिकारी के आवास के आसपास पिछले कई दिनो से तीन राष्ट्रीय पक्षी मोर विचरण कर रहे है, जो समूचे काष्टागार परिसर और आसपास में रहने वाले लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर ये परिक्षेत्र अधिकारी के निवास के इर्द-गिर्द ही क्यों विचरण कर रहे है, जबकि वे जंगली पक्षी है और उन्हे जंगल में होना चाहिये। इसके लिये विभाग के द्वारा उसके प्राकृतिक रहवास में सुरक्षित छोड दिया जाना चाहियें, लेकिन आवासीय क्षेत्र में इस तरह मोर पक्षियों का समूह का विचरण करना, उनके लिये खतरा बन सकता है।
परिक्षेत्र अधिकारी एक.के.मेश्राम ने बताया कि काष्टागार के आगे नदी के किनारे अनुसंधान केंद्र का नर्सरी है जहां पर अनेक प्रकार के वन्यप्राणी विचरण कर रहे है। उन्ही मे से मोर भी भटककर काष्टागार में आ गया है और उनके निवास सहित समुचे काष्टागार परिसर में भ्रमण कर रहा है। मेश्राम ने बताया कि इस सदंर्भ में मेरे द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और उन्हे सुरक्षित तरिके से जंगल में छोडा जा सकें, इस हेतू प्रयास किये जा रहे है, मेरे द्वारा उन्हे पालकर नही रखा गया है। जबकि चर्चा है कि परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा उन मोरो को पालकर रखा गया है, जहां जांच के बाद ही सत्यता सामने होगी। क्योकि अनुसूचि-3 में आने वाले राष्ट्रीय पक्षी मोर का पालना गैरकानूनी अपराध है।
इनका कहना है- मेरी जानकारी में आया है मेरे द्वारा उसे 8-10 किलोमीटर दूर जहां किसी भी तरह की आबादी न हो, वहां उसे सुरक्षित छुडवाया जायेगा। ताकि वह अपने प्राकृतिक रहवास में विचरण कर सके।
जी.एस वरकडे, डीएफओ
दक्षिण सामान्य वनमंडल