MP में आंगनवाड़ी कहलाएंगी बाल शिक्षा केंद्र,मंत्री इमरती देवी ने कहा-जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ ना हो
ग्वालियर
मध्य प्रदेश (MADHYA PRADESH)में आंगनवाड़ियों(ANGANWADI) को अब प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर चलाया जाएगा. इन्हें बाल शिक्षा केंद्र बनाया जा रहा है. प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (IMARTI DEVI)आज ग्वालियर(GWALIOR) से इसकी शुरुआत कर रही हैं. प्रदेश के ऐसे कुल 313 आंगनवाड़ी केंद्रों को पहले चरण में इसके लिए चुना गया है. मंत्री ने कहा जो मेरे साथ हुआ...वो किसी और बच्चे के साथ ना हो.
मध्य प्रदेश में अब आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्र के नाम से जाना जाएगा.प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी बाल शिक्षा केंद्र आंगनवाड़ी की शुरुआत अपने गृह जिले ग्वालियर से कर रही हैं. रेशममिल आंगनवाड़ी से इमरती देवी इस प्रदेश स्तरीय योजना की शुरुआत करेंगी. इमरती देवी का कहना है मेरा लक्ष्य ये है कि प्रदेश की एक लाख आंगनवाडियों को प्राइवेट स्कूल की तरह डेवलप किया जाए.
इमरती देवी ने भावुक होते हुए कहा कि- मैं नहीं चाहती हूं, जो मेरे साथ हुआ है. वो किसी और के बच्चों के साथ हो. उन्होंने कहा कि मेरे मायके में 15 साल तक कोई सरकारी स्कूल तक नहीं था. मैंने ससुराल में आकर ही 12 वीं तक पढ़ाई की है. इसलिए लोग मुझे कम पढ़ी-लिखी मंत्री कहते हैं.
बाल शिक्षा केंद्र बनाई जाने वाली आंगनवाड़ियों में बच्चों के लिए कई सुविधाएं होंगी. यहां बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए इंडोर और आउटडोर गेम्स की भी व्यवस्था रहेंगी. इन केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह सजाया जाएगा और बच्चों को आकर्षित करने के लिए दीवारों पर ज्ञानवर्धक पेंटिंग बनाई जाएंगी. वर्णमाला के अक्षर, अंग्रेजी वर्णमाला के लेटर के साथ कार्टून कैरेक्टर, पक्षी, फल, सब्जी, जानवरों के नाम सहित चित्रण होगा. इन बाल शिक्षा केंद्रों में बच्चों के अनुकूल शौचालय, कक्षा, आधुनिक रसोईघर, खेल-खिलौना, डिस्प्ले बोर्ड, कम्प्यूटर आदि सब कुछ होगा.
महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि माना जाता है आगनवाड़ियां में बच्चों को वक्त बिताने या मध्यान भोजन के लिए भेजा जाता है. इस सोच को बदलने के लिए आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्रों में तब्दील किया जा रहा है. शुरुआती दौर के पहले चरण में प्रदेश की 313 आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्र के रूप में तैयार किया गया है. महीने भर के अंदर पांच हजार से ज्यादा और आंगनवाड़ियों को इसमें तब्दील करने का काम शुरू हो जाएगा. और दो साल के अंदर प्रदेश के सभी एक लाख आंगनवाड़ी केंद्र, बाल शिक्षा केंद्र में तब्दील हो जाएंगे.
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