CM से PM तक...मोदी यूं बने भारतीय राजनीति के अजेय योद्धा!
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) राज्य और केंद्र सरकारों के प्रमुख के तौर पर बुधवार को 20वें साल में प्रवेश कर गए हैं। इस दौरान उन्हें कोई ब्रेक नहीं मिला है। इस तरह वो भारत के पहले ऐसे राजनेता बन गए जिन्होंने इतना लंबा वक्त राज्य एवं केंद्र सरकारों के मुखिया रहे।
मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यंत्री के पद की शपथ 7 अक्टूबर, 2001 को ली थी। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का तीन कार्यकाल संभाला और फिर केंद्र का रुख कर लिया। 2014 में उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बहुमत मिला और मोदी ने 26 मई 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद मोदी ने प्रधानमंत्री का दूसरा कार्यकाल संभाला जो अब तक जारी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) राज्य और केंद्र सरकारों के प्रमुख के तौर पर बुधवार को 20वें साल में प्रवेश कर गए हैं। इस दौरान उन्हें कोई ब्रेक नहीं मिला है। इस तरह उन्होंने एक नेता के करियर के लिहाज से एक और मिसाल पेश कर दी है जिनकी लुभावनी अपील ने बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी प्रतिष्ठा दिलाई है। मोदी को उस वक्त राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से अचानक निकालकर बतौर मुख्यमंत्री गुजरात (Chief Minister of Gujarat) की सेवा करने का दायित्व दे दिया गया था जब बीजेपी के अंदर असंतोष की आवाजें उठ रही थीं। ऐसी परिस्थिति में मोदी ने गुजरात में लगातार तीन सरकारों का नेतृत्व करते हुए केंद्र में कांग्रेस के दबदबे को चुनौती देने का मजबूत आधार तैयार कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) राज्य और केंद्र सरकारों के प्रमुख के तौर पर बुधवार को 20वें साल में प्रवेश कर गए हैं। इस दौरान उन्हें कोई ब्रेक नहीं मिला है। इस तरह उन्होंने एक नेता के करियर के लिहाज से एक और मिसाल पेश कर दी है जिनकी लुभावनी अपील ने बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी प्रतिष्ठा दिलाई है। मोदी को उस वक्त राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से अचानक निकालकर बतौर मुख्यमंत्री गुजरात (Chief Minister of Gujarat) की सेवा करने का दायित्व दे दिया गया था जब बीजेपी के अंदर असंतोष की आवाजें उठ रही थीं। ऐसी परिस्थिति में मोदी ने गुजरात में लगातार तीन सरकारों का नेतृत्व करते हुए केंद्र में कांग्रेस के दबदबे को चुनौती देने का मजबूत आधार तैयार कर लिया।
'CM-PM' मोदी के 20 साल
मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यंत्री के पद की शपथ 7 अक्टूबर, 2001 को ली थी। उसके तुरंत बाद भुज में विनाशकारी भुकंप ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। हालांकि, 'वाइब्रेंट गुजरात' जैसे मोदी के कुछ कदमों ने राज्य को फिर से उठ खड़ा होने में पूरी मदद की।
गुजरात मॉडल की हुई जमकर तारीफ
गुजरात बिजली उत्पादन जैसे कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो गया और इस तरह विकास के गुजरात मॉडल की चर्चा जोर पकड़ने लगी। गुजरात मॉडल ने नरेंद्र मोदी को इस तरह राष्ट्रीय स्तर की सुर्खियों में लाया कि बीजेपी ने उन्हें 2013 में अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया।
2014 में हुआ 'नए भारत' का जन्म
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के साथ नए भारत का जन्म हुआ जिसे अपना पहला पूर्ण बहुमत मिला। शपथ लेने के बाद से, पीएम मोदी ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने में भारत के संविधान के आदर्शों के साथ खड़े होने का प्रयास किया है। हर समय एक चुनौती के लिए तैयार रहने वाले मोदी ने भारत की छवि को बढ़ाने, विश्व में अग्रणी न्यू इंडिया की एक झलक देने और दुनिया के विश्व गुरु के रूप में अपनी स्थिति को फिर से पाने का काम किया है।
खुद सड़कों पर उतरकर हालातों का लेते जायजा
गुजरात में सीएम रहने के दौरान नरेंद्र मोदी कभी भी जनता के बीच पहुंच जाते। प्राकृतिक आपदा होने पर खुद सड़कों पर अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लेने निकल पड़ते। लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करते। उनकी कार्य प्रणाली की हर कोई तारीफ करता।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और तीन तलाक खत्म करने जैसे बड़े फैसले
मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से निष्प्रभावी करते हुए (Abrogation of Article 370) बीजेपी के एक और प्रमुख वादे को पूरा कर चुके थे। मोदी ने प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही एक साथ तीन तलाक (Triple Talaq) की कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई।
भारत को आर्थिक और सामाजिक मजबूत करने के लिए लॉन्च की कई योजनाएं
भारत आर्थिक और सामाजिक विकास क्रांतियों के बाद, सभी मोर्चों पर अपने नेतृत्व के साथ आश्वस्त महसूस करता है। पीएम मोदी ने जन धन, मुद्रा योजना, जन सुरक्षा योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, भीम यूपीआई, पीएम आवास योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत और PM किसान जैसी योजनाएं लॉन्च कीं। ये योजनाएं सभी वर्गों को वित्तीय समावेशन की गारंटी देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।