नेत्र शिविर में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं प्रबंधक को सश्रम कारावास

नेत्र शिविर में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं प्रबंधक को सश्रम कारावास

नेत्र शिविर में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं प्रबंधक को सश्रम कारावास
 
अपीलीय न्यायालय द्वारा 5 को भेजा गया जेल

मंडला - प्रकरण के संबंध में बताया गया कि, दिनांक 27.10.2010 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मण्डला ने थाना मण्डला में इस आशय की लिखित आवेदन दिया कि, दिनांक 10.09.2010 से 16.09.2010 के मध्य योगीराज अस्पताल मण्डला के डॉ. एवं उसकी टीम के द्वारा लगभग 38 लोगों की मोतियाबिंद का आंख का ऑपरेशन लापरवाही पूर्वक एवं उपेक्षा पूर्वक तरीके से करने से मरीजों की आंख की स्थायी रूप से रोशनी चली गयी एवं ऑपरेशनशुदा मरीजों की आंख में दिखना बंद हो गया। उक्त आवेदन पर से अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 338 भा.द.वि. में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान ही गंभीर मामला होने से कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। जांच स्तरीय समिति द्वारा अस्पताल प्रबंधन के कार्यों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की गयी। दौरान विवेचना धारा 201 भा.द.वि. का इजाफा किया गया था।

संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तगणों के विरूद्ध अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिस पर अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के मुल्यांकन एवं तर्कों से सहमत होते हुये विचारण उपरांत माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मण्डला द्वारा दिनांक 27.12.2021 को अभियुक्तगण संजय सिंह उम्र 56 वर्ष निवासी नागपुर जिला नागपुर को धारा 201 भा.द.वि. मे दोषसिद्ध पाते हुए छः माह के सश्रम कारावास एवं डॉ. अनिल परमार निवासी सिहोर जिला सिहोर, कमल सिहं निवासी केवलारी, श्याम जंघेला निवासी महाराजपुर मण्डला, भूपेन्द्र सिंह ठाकुर निवासी बम्हनी मण्डला को धारा 338 भा.द.वि. में दोष सिद्ध पाते हुये दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया था। प्रत्येक आरोपी को आहतगणों को एक-एक हजार रूपये प्रतिकर के रूप में अदा करने हेतु भी आदेशित किया गया था। इसके विरूद्ध अभियुक्तगण द्वारा सत्र न्यायालय मण्डला में अपील प्रस्तुत की गयी थी जिस पर सुनवाई उपरांत माननीय चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायालय मण्डला द्वारा दिनांक 16.06.22 को अपील  निरस्त करते हुए माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मण्डला द्वारा पारित निर्णय की पुष्टि करते हुए आरोपीगणों को जेल भेज दिया गया है। माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मण्डला के न्यायालय में  प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जीतेन्द्र सिंह द्वारा की गई थी।