राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पालिसी-2025: सशक्त बिजनेस इकोसिस्टम से राजस्थान बनेगा जीसीसी एक्सीलेंस हब
बाजारों तक पहुंच -जीसीसी के आवेदनों का होगा त्वरित निस्तारण
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में अनुमोदित राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पाॅलिसी-2025 प्रदेश को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) का पसंदीदा गंतव्य स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य के प्रमुख शहरों का सशक्त बिजनेस इकोसिस्टम और किफायती आॅपरेशनल लागत के साथ-साथ इस नीति के अंतर्गत सब्सिडी के प्रावधान इच्छुक कंपनियों को राजस्थान में जीसीसी की स्थापना के लिए आकर्षित करते हैं।
प्रदेश की बेहतर कनेक्टिविटी, किफायती आॅपरेशनल लागत जीसीसी निवेश के लिए अनुकूल
सुदृढ़ बुनियादी ढांचा, कुशल कार्यबल और निवेश अनुकूल नीतियों की विशेषताओं के साथ प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में गत दो वर्ष में सकारात्मक बदलाव आया है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 में लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए, जिनमें से लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग हो चुकी हैं। आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां प्रदेश में निवेश के लिए इच्छुक हैं। प्रदेश की बेहतर कनेक्टिविटी ने प्रदेश में निवेश के नए द्वार खोले हंै। एनसीआर रीजन और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल काॅरिडोर (डीएमआईसी) के साथ कनेक्टिविटी राजस्थान में जीसीसी निवेशकों की पहुंच बड़े औद्योगिक केन्द्रों और बाजारों तक उपलब्ध कराती है। साथ ही, देश के बड़े शहरों की तुलना में यहां प्रमुख शहरों में साधनों एवं सेवाओं की किफायती आॅपरेशनल लागत भी निवेश को सुगम बनाती है।
राजनिवेश पोर्टल के माध्यम से होगा आवेदन, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग नोडल विभाग
राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पाॅलिसी-2025 में जीसीसी के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। इच्छुक आवेदकों को राजनिवेश सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। प्रोजेक्ट इवेल्यूएशन कमेटी (पीईसी) इन आवेदनों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अध्ययन कर अपनी अनुशंसा प्राथमिकता से 60 दिन की समय सीमा में प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी (पीएसी) को प्रस्तुत करेगी। यह अप्रूवल कमेटी भी 60 दिन की समय सीमा में अनुशंसा के आधार पर आवेदन पर निर्णय करेगी। कार्यकारी निदेशक रीको, पीईसी और प्रशासनिक सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पीएसी के अध्यक्ष होंगे। जीसीसी के आवेदनों के निस्तारण के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
स्थानीय प्रतिभा को प्रशिक्षित करने में सहायक होगी नीति
जीसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए नवाचार, दक्षता और मूल्य सृजन के महत्वपूर्ण केंद्र बन गए हैं। ये केंद्र प्रौद्योगिकी, वित्त, मानव संसाधन, अनुसंधान और डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में काम करते हुए कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूत करने के साथ ही स्थानीय प्रतिभा को प्रशिक्षित करने का कार्य भी कर रहे हैं। राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पाॅलिसी-2025 वर्ष 2030 तक प्रदेश में 200 से अधिक जीसीसी स्थापित करने, 1.5 लाख रोजगार सृजित करने के साथ भारत के 100 अरब डॉलर के जीसीसी बाजार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लक्ष्य पर आधारित है। इस नीति के माध्यम से जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे शहरों को जीसीसी हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
आवेदकों को मिलेगी रिप्स-2024 की आकर्षक छूटें
इस नीति के अंतर्गत जीसीसी की स्थापना के लिए राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना (रिप्स-2024) के प्रावधानों का लाभ दिया जाएगा। इसमें परियोजना लागत (भूमि और भवन लागत को छोड़कर) का 30 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक की पूंजी निवेश सब्सिडी प्रदान की जाएगी। भूमि या लीज एरिया की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक प्रतिपूर्ति लैण्ड कॉस्ट इंसेटिव के रूप में दी जाएगी। साथ ही, कर्मचारियों के वेतन पर पहले तीन वर्षों तक 30 प्रतिशत (अधिकतम 1.25 लाख प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) की पेरोल सब्सिडी उपलब्ध दी जाएगी। यह सब्सिडी 10 करोड़ रुपए प्रति जीसीसी प्रति वर्ष से अधिक नहीं होगी।
किराए पर संचालित इकाइयों को पहले तीन वर्षों तक किराए का 50 प्रतिशत तथा अगले दो वर्षों के लिए 25 प्रतिशत अधिकतम 5 करोड़ रुपए प्रति जीसीसी प्रति वर्ष तक रेंटल असिस्टेंस के रूप में मिलेगा। कर्मचारियों के कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम ढाई करोड़ रुपए प्रति जीसीसी प्रति वर्ष तक प्रतिपूर्ति पात्रतानुसार की जाएगी। इसके साथ ही, पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन इंसेंटिव, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में पेटेंट, कॉपीराइट आदि की लागत पर 50 प्रतिशत सहायता, स्टांप ड्यूटी एवं बिजली शुल्क पर छूट भी प्रदान की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में देश में स्थित ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में लगभग 1.9 मिलियन वर्कफोर्स नियोजित थी, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में 64.6 बिलियन डाॅलर का योगदान दिया था। वर्ष 2030 तक जीसीसी इंडस्ट्री में 110 बिलियन डाॅलर का योगदान अनुमानित है।
इन नामचीन लोगों की मौजूदगी राजस्थान और दुनिया भर में फैले प्रवासी राजस्थानियों के बीच भरोसे, गर्व और राजस्थान के विकास की प्रतिबद्धता पर आधारित संबंधों को और गहरा करेगी। साथ ही, आयोजन के दौरान होने वाले संवाद और चर्चा को सार्थक बनाएगी।
राज्य सरकार की विकास अनुकूल निर्णयों, नीतियों और योजनाओं से राजस्थान आर्थिक विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रवासी राजस्थानियों का राज्य के साथ मिलकर काम करना इस बात का प्रमाण है कि प्रवासी राजस्थानी राजस्थान और दुनिया के बीच एक सेतु की तरह खड़े हैं।
स्वागत के लिए तैयार राजस्थान
राज्य सरकार ने प्रवासी राजस्थानी दिवस के आयोजन के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। देश-विदेश से आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए राजस्थान पूरी तरह तैयार है। जयपुर के जेईसीसी में होने वाले इस आयोजन के लिए सुरक्षा, यातायात, पार्किंग, स्वागत एवं प्रोटोकॉल से संबंधित तैयारियों की विस्तृत योजना पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही, कार्यक्रम के दौरान आतिथ्य, परिवहन, आवास, चिकित्सा एवं आपात सेवाओं की उपलब्धता के लिए भी सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं।
पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस
राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में 10 दिसंबर को जयपुर में प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन राजस्थान सरकार की अपने दुनिया भर में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ने का प्रयास है। यह देश और विश्वभर में बसे प्रवासी राजस्थानी समुदाय के लिए जड़ों से जुड़ने और अपनी मातृभूमि के लिए योगदान करने की दिशा में एक अनूठी पहल साबित होगा। प्रवासी राजस्थानियों से संपर्क के लिए बने राजस्थान फाउंडेशन की लीडरशिप में, यह आयोजन प्रवासी राजस्थानियों को एक मंच पर साथ लाएगा। साथ ही, प्रवासी राजस्थानियों की मिली-जुली पहचान का उत्सव मनाएगा और अलग-अलग क्षेत्रों में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने और सांस्कृतिक रिश्तों को मज़बूत करने के नए अवसर तलाशेगा। इसका उद्देश्य प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियों को सम्मानित करना, निवेश, नवाचार, सांस्कृतिक संबंध और वैश्विक साझेदारी बनाना और दुनिया भर में अपने लोगों के साथ राजस्थान के रिश्तों को मज़बूत करना है।
प्रदर्शनी के दौरान भारत का गणतंत्र -एक सुनहरी यात्रा एवं वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के 150 बर्ष ,भारतीय सविंधान की 75 बर्ष की यात्रा विषयों पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें स्कूली विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों ने भी आमजन को अपने विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में विभाग के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भारत का गणतंत्र-एक सुनहरी यात्रा एवं वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के 150 बर्ष ,भारतीय सविंधान की 75 बर्ष की यात्रा पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृखंला में गुरूवार को राजकीय महाविधालय में जागरूकता रैली निकाली गई।
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