भारतीय आम की पहली खेप पहुंची बेल्जियम, यूरोपीय सुपरमार्केट में मनाया गया

नई दिल्ली। यूरोपीय की मांग पर भारतीय आम की पहली खेप बेल्जियम पहुंची। आम के यूरोप में पहुंचने पर जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय उत्पादों के साथ बाजार में विविधता लाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय व्यंजनों के प्रति जर्मनी में सांस्कृतिक खुलापन और भारत से उच्च गुणवत्ता वाले आमों को यूरोप में लाने के महत्व पर जोर दिया।
भारत से आने वाले अच्छे आमों के हकदार हैं यूरोपीय
एकरमैन ने उत्तर भारत से आमों की पहली खेप पहुंचने पर कहा, यूरोपीय दक्षिण एशिया, विशेष रूप से अच्छे भारतीय आमों के हकदार हैं। बेल्जियम में आमों की कई किस्में आ रही हैं। लेकिन मुझे लगता है कि उत्तर भारतीय आम यूरोप, विशेष रूप से जर्मनी आ रहे हैं। यूरोपीय सुपरमार्केट में भारतीय आमों के आगमन पर उन्होंने जश्न मनाया। कहा कि मैं इसलिए उत्साहित हूं कि हर कोई जानता है कि मुझे आम कितने पसंद हैं।
यूरोप-भारत के द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डाला
एकरमैन ने कहा कि भारत के कृषि मंत्रालय के सहयोग से की गई यह पहल, जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों को भारतीय कृषि उत्पादों के नियमित निर्यात के लिए एक स्थायी ढांचा स्थापित करना है। इन कृषि सहयोगों में बहुत संभावनाएं हैं। बेल्जियम के बाजारों में उत्तर भारतीय आम की विभिन्न किस्मों की शुरुआत यूरोपीय आम आयात में विविधता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत और जर्मनी के बीच व्यापक कृषि सहयोग-व्यापार के अवसरों में वृद्धि होगी
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल से भारत और जर्मनी के बीच व्यापक कृषि सहयोग और व्यापार के अवसरों में वृद्धि होगी। एकरमैन ने यूरोपीय सुपरमार्केट में ब्राजील और पश्चिम अफ्रीका से आम के आयात की अधिकता को स्वीकार करते हुए भारतीय व्यंजनों के प्रति जर्मनी में सांस्कृतिक खुलेपन को रेखांकित किया। कहा कि जर्मनी में भारतीय भोजन के लिए खुलापन और प्रशंसा बढ़ रही है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि भारत से आम यूरोपीय स्टोर तक पहुंचें। उन्होंने जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों को भारतीय उत्पादों के निर्यात को नियमित करने के उद्देश्य से सहयोगात्मक प्रयास पर प्रकाश डाला और इससे कृषि सहयोग में पर्याप्त लाभ की उम्मीद जताई।