मध्य प्रदेश में तबादला सूची न आने से बेचैन हैं अधिकारी, 24000 आवेदन लंबित
भोपाल
मध्य प्रदेश में तबादलों से हटे प्रतिबंध की समय सीमा खत्म होने को आ रही है, लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों के तबादलों की सूची अब तक जारी नहीं हो पा रही हैं. सूत्रों की मानें तो सिफारिशों की भरमार की वजह से सूचियां लटक गईं हैं. करीब 24000 अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने मनचाहे तबादले के लिए आवेदन किया है. जबकि मंत्रियों ने तय प्रस्ताव से ज्यादा प्रस्ताव बनाकर भेज दिए हैं. मंत्रियों ने 10 के बजाए 20 से 30% तक प्रस्ताव भेज दिए हैं. लिस्ट जारी न होने की वजह इसे भी माना जा रहा है.
मध्य प्रदेश में सरकार ने एक जुलाई से 31 जुलाई के बीच में तबादलों से लगा प्रतिबंध हटाया था और इसके लिए बाकायदा एक नीति भी जारी की थी. लेकिन एक जुलाई से हटे प्रतिबंध के बावजूद 25 जुलाई तक भी सूचियां विभागों में ही अटकी हुई हैं और अब 31 जुलाई आने में महज 6 दिन बचे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार तबादला से हटे प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ा सकती है.
अधिकारियों-कर्मचारियों की तबादला सूची भले जारी ना हो पा रही हो, लेकिन तबादलों को लेकर मध्य प्रदेश में सियासत गरमा गई है. विपक्षी कांग्रेस ने तबादलों को लेकर सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि दरअसल तबादलों में देरी इस वजह से हो रही है क्योंकि पैसों की बंदरबांट आपस में नहीं हो पा रही है. वहीं बीजेपी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि कांग्रेस को सबसे पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए एमपी में तबादले एक नीति के तहत किए जा रहे हैं .
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