तालाब-भूजल संरक्षण ने बदली तस्वीर, डेढ़ गुना रकबा बढ़ाएगी सूखे बुंदेलखंड में जल क्रांति

तालाब-भूजल संरक्षण ने बदली तस्वीर, डेढ़ गुना रकबा बढ़ाएगी सूखे बुंदेलखंड में जल क्रांति

सागर
सागर जिले के जल संरक्षण ने सूखे बुंदेलखंड में जलक्रांति की दस्तक दे दी है। इससे न केवल इस साल दोगुना जल संरक्षण हो रहा है बल्कि किसानों का रकबा डेढ़ गुना बढ़ने और एक पानी अतिरिक्त मिलने से उनकी आय दोगुना तक बढ़ने के आसार बन गए हैं। रहली विकासखंड की पिपरिया गोपाल पंचायत को राष्ट्रीय अवार्ड के प्रोत्साहन ने स्थानीय प्रशासन के हौसले बुलंद कर दिए हैं। जिसके चलते इस साल बनाए 2273 खेत तालाब अभी से लबालब हो चले हैं।  इस प्रकार जिले भर में 11 हजार 365 एकड़ भूमि का रकबा सिंचित होगा। जिससे तीसरी फसल के भी आसार बन गए हैं। जिससे उनकी आय दो गुना तक पहुंच सकती है।

पिपरिया गोपाल पंचायत में 5 साल पहले स्थिति यह थी कि कुआं से बमुश्किल 2 एकड़ जगह ही संचित हो पाती थी। परंतु इन तालाबों से 5 से 25 एकड़ की जगह तक तालाब के आकार के हिसाब से सिंचित होने लगी है। पहले किसान या तो सोयाबीन की बोबनी कर पाते थे या गेहूं, चना, मसूर की। अब दोनों ही सीजन की खेती आसानी से कर रहे हैं। इस बार उम्मीद है कि किसान सब्जी आदि के रूप में तीसरी फसल भी उगा सकेंगे।

पिपलिया गोपाल में वॉटरशेड योजना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलने के बाद इलाके में जल संरक्षण को लेकर काफी जागृति आई है। इसी के बाद सभी पंचायतों में 10-10 खेत तालाब बनाने का निर्णय को बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिला है । हमे उम्मीद है कि इस बार करीब 35 हजार एकड़ रकबा सिंचित हो सकेगा।
डॉ. इच्छित गढ़पाले, जिला पंचायत सीईओ, सागर