...तो खतरे में उमंग सिंघार की कुर्सी !

...तो खतरे में उमंग सिंघार की कुर्सी !

सिंघार की छिनेगी कुर्सी या घर बैठेंगे दिग्गी?

कल सोनिया गांधी के सामने पेश होंगे राजा, महाराजा

भोपाल। मप्र में मचे राजनीतिक घमासान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज हैं और गुरूवार को इस मसले पर कोई कठोर कदम उठा सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ होने वाली बैठक में सोनिया गांधी मंत्रिमंडल विस्तार की हरी झंडी दे सकती है। जिसमें वन मंत्री उमंग सिंघार की कुर्सी जा सकती है। इसका संकेत इससे भी मिल रहा है कि बुधवार का आदिवासी बहुल झाबुआ में आयोजित कार्यक्रम में सिंघार शामिल नहीं हुए और न ही कहीं उनका पोस्टर लगाया गया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार के विवाद के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को संकेत दे दिया है की सिंघार के साथ क्या करना है। उधर, बुधवार को दिग्विजय सिंह ने अनुशासन समिति के सदस्य मोतीलाल वोरा से मुलाकात कर सफाई दी। ऐसे में प्रदेश की राजनीतिक वीथिका में यह सवाल उठ रहा है कि क्या सिंघार की कुर्सी छिनेगी या दिग्विजय सिंह को घर बैठा दिया जाएगा? सीएम ने आदिवासियों को बांटी सौगात, गायब रहे सिंघार बुधवार को आदिवासियों को कमलनाथ की सरकार ने झाबुआ में बड़ा तोहफा दिया है। वहां के शहरी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आवास मिशन की शुरुआत की। इस दौरान जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह, पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, कृषि मंत्री सचिन यादव भी रहे है। सीएम भी आदिवासियों के पारंपरिक जैकेट पहने नजर आए। लेकिन एक बात जो सबको खटक रही है कि मंत्री उमंग सिंघार क्यों नहीं दिखे। दरअसल, अगले कुछ महीनों झाबुआ में उपचुनाव होने हैं। यह इलाका आदिवासी बहुल है। बीजेपी भी अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई है। वहीं, सीएम के इस तोहफे को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन समाज के बड़े नेता और सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं हैं। न ही उनका कही कोई पोस्टर दिखा। सिंघार की पहचान प्रदेश की राजनीति में बड़े आदिवासी चेहरे के रूप में है। आखिर क्यों नहीं शामिल हुए सिंघार वनमंत्री उमंग सिंघार हाल के दिनों में दिग्विजय सिंह के साथ विवाद की वजह से सुर्खियों में हैं। सिंघार ने दिग्विजय के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। उमंग सिंघार को सीएम कमलनाथ ने बुलाकर समझाइश दी थी। झाबुआ के कार्यक्रम में सिंघार की गैरमौजूदगी की पर सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या सिंघार को वहां पहुंचने के लिए सरकार ने न्यौता नहीं दिया या फिर सिंघार न्यौता मिलने के बाद पहुंचे नहीं। लेकिन मंच पर या पोस्टर में कहीं भी सिंघार के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए ये कहा जा रहा है कि शायद उन्हें बुलाया नहीं गया। दरअसल, उमंग सिंघार इन दिनों विवादों में हैं। विवाद में सिंघार का नाम जब से सामने आया है, सीएम कमलनाथ के साथ वह किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं। हां बंद कमरे में एक बार जरूर दोनों की मुलाकात हुई है। तो क्या सीएम कमलनाथ खुद चाहते हैं कि विवाद शांत होने तक सिंघार से दूर ही रहें। या फिर सिंघार से नाराजगी है कि समझाइश के बाद भी वो दिग्विजय पर हमलवार रहे। लेकिन आदिवासी इलाके में कार्यक्रम है और आदिवासी समाज का बड़ा नेता ही गायब है। दिग्विजय सिंह से है सिंघार का विवाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के सभी मंत्रियों को एक चि_ी लिखी थी और उनके सिफारिशों पर क्या काम हुआ, उसके बारे में मिलकर जानकारी देने को कहा था। इसी के बाद मंत्री उमंग सिंघार ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सिंघार ने कहा दिया कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं। इससे भी नहीं रुके तो सोनिया गांधी को चि_ी लिखकर शिकायत की। बाद में सिंघार ने दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर तक कह दिया। वहीं, दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार विवाद की पूरी रिपोर्ट सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी। रिपोर्ट सौंपने के बाद सीएम ने कहा था कि इस पूरे मामले को अनुशासन समिति देखेगी। अनुशासन समिति के अध्यक्ष एके एंटोनी सभी लोगों से बात करेंगे। जिन्हें भी परेशानी है वो पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। मंत्रिमंडल का विस्तार भी संभव प्रदेष में प्रस्तावित मंत्रिमंडल के विस्तार में भी सोनिया गांधी की सख्ती का असर दिख सकता है। फिलहाल मुख्यमंत्री इन सारे विवादों को ठंडा होन के बाद ही मंत्रिमंडल के विस्तार के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके यह संदेश जरूर जाएगा कि अनुशासनहीनता के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में विभागों के साथ चेहरों में भी बदलाव हो सकता है। दिल्ली में फिर बैठक सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को बड़े रूप में मनाने के लिए 12 सितंबर को सभी राज्य प्रमुखों को बैठक के लिए बुलाया है। कहा जा रहा है कि इस दिन सोनिया गांधी, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी बैठक कर सकती हैं और उसी दिन पीसीसी चीफ के नाम की भी घोषणा हो सकती है।