कोठारी बंधुओं के परिजन को मिला निमंत्रण, कारसेवा में शहीद हुए थे

कोठारी बंधुओं के परिजन को मिला निमंत्रण, कारसेवा में शहीद हुए थे

तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गोली चलवा दी थी, कई कारसेवक मारे गए थे बहन बोलीं- भाइयों का सपना हुआ साकार

अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।भूमिपूजन के लिए आखिरकार श्रीराम मंदिर आंदोलन में बंगाल से राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कोठारी बंधुओं के परिजन को आमंत्रित किया गया है। पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने फोन करके भूमि पूजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। जब कोरोना काल में लिमिटेड लोगों को अयोध्या बुलाया जा रहा है, ऐसे में मुझे आमंत्रित करना मेरे भाइयों का सम्मान करना है। पूर्णिमा कोठारी के आखों में खुशी के आंसू है। कहा मेरा जन्म धन्य हो गया। खुशी है कि जिस कार्य के लिए भाइयों ने अपना जीवन अर्पण किया वह साकार हो रहा है। पूर्णिमा कहतीं है कि 30 अक्टूबर को कारसेवा के 22 अक्टूबर 1990 को मेरे भाई घर से अयोध्या के लिए निकले थे। उसी साल 16 दिसंबर को मेरी शादी होने वाली थी। अयोध्या में 2 नवंबर 1990 को मुलायम सिंह शासनकाल में गोली कांड में शहीद हुए कोठारी बंधु की बहन पूर्णिमा कोठारी ने बाबरी विध्वंस को कारसेवकों की सहित का प्रतिशोध बताया है। उन्होंने कहा कि ढांचा गिरने के बाद ही आज हम यह दिन देख रहे हैं कि अब अयोध्या में भव्य मंदिर बनने जा रहा है।पूर्णिमा कहती हैं कि 30 सालों में यह सबसे बड़ी खुशी मुझे मिली है। 1990 में मुलायम सिंह सरकार ने कारसेवकों को गोली मार दी गई थी। दरअसल 2 नवंबर 1990 को मुलायम सिंह सरकार में अयोध्या पहुंचे कारसेवकों को गोली मार दी गई थी। जिसमें कोलकाता के कोठारी बंधु भी शहीद हुए थे। शहीद हुए कोठारी बंधु पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहने वाले थे और वह अयोध्या राम मंदिर के लिए कार सेवा करने आए थे। कारसेवा के दौरान ही तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गोली चलवा दी थी जिसमें कई कारसेवक मारे गए थे।