शिक्षक एकजुट हुए, प्रशासनिक अधिकारियों को विरोध स्वरूप ज्ञापन दिया
भोपाल। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को लेकर पूरा शिक्षा जगत विरोध में खड़ा हो गया है। स्कीम के विरोध में अभी शिक्षक एकजुट हो गए हैं और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं। अगर ज्ञापन से भी बात नहीं बनी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की भी रणनीति बनाई जा रही है।
एनपीएस का विरोध गांधी जयंती से शुरू हुआ है। तमाम शिक्षा जगत से जुड़े शिक्षक, अध्यापक इस मौके पर एकजुट हुए और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम एडीएम अजयदेव शर्मा, एसडीएम अंशुल खरे को ज्ञापन दिया गया। राज्य अध्यापक संघ से जुड़े भारत भार्गव ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम शिक्षक जगत के लिए घातक सिद्ध होगी। उदाहरण स्वरूप किसी शिक्षक का 50 हजार मासिक वेतन है और उसने 17 वर्ष नौकरी के पूरे कर लिए हैं और जब सेवानिवृत्त होगा तो उसे पेंशन के रूप में मात्र 811 रुपये मासिक मिलेंगे, जबकि पुरानी पेंशन नीति अगर लागू रहती है तो शिक्षक को 20 से 25 हजार हर माह पेंशन मिलेगी। इस तरह नई पेंशन नीति में काफी विसंगति है और पेंशन नीति पूरी तरह शेयर बाजार और एलआईसी के शेयरों पर निर्भर रहेगी। शिक्षकों का जो पीएफ काटा जाता है, उसका निवेश सरकार शेयर बाजार में करेगी, जिसका विरोध शुरू हो गया है। इधर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय इकाई के आह्वान पर शिक्षक संगठन के दिनेश परमार के नेतृत्व में भी चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। शिक्षक सगंठनों का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू रखने की मांग को लेकर अब शिक्षक सड़क पर उतरकर आंदोलन की तैयारी में भी जुट गए हैं।