पौधरोपण एवं उनके संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाएं : मंत्री पटेल

भोपाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत खेत तालाब, अमृत सरोवर, रीचार्ज पिट लक्ष्य से अधिक बनाये गये। अभियान में किये गये कार्यों के परिणाम आगामी वर्षों में परिलक्षित होंगे। मंत्री पटेल ने कहा कि बड़ी नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिये छोटी नदियों के उद्गम स्रोतों का संरक्षण आवश्यक है। मंत्री पटेल सोमवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद कार्यकारणी की 7वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने के लिये विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य हमें सतत् जारी रखना है। भविष्य में पौधरोपण एवं उनके संरक्षण के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाये। मंत्री पटेल ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों से पौधरोपण एवं संरक्षण के लिये “मां की बगिया” योजना 15 अगस्त से लागू की जा रही है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन में महत्वपूर्ण कारक बनेगी। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक चिन्हित शासकीय भूमि पर एवं 15 अगस्त से 15 सितंबर पर निजी भूमि पर सघन पौधरोपण किया जायेगा। उन्होंने “जल गंगा संवर्धन” अभियान में सिपरी सॉफ्टवेयर जैसी तकनीकों का उपयोग करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे यह प्रयास निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे।
मंत्री पटेल ने कहा कि संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की नवीन सेवा शर्तों में आकस्मिक मृत्यु/दुर्घटना के समय सहायता राशि प्रदान करने के प्रावधानों का समावेश करें। इस संबंध में सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग के नियमों का पालन किया जाए। आयुक्त मनरेगा, अविप्रसाद ने मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी कार्यकारणी परिषद की 6वीं बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बैठक में मनरेगा की भौतिक और वित्तीय प्रगति संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों की नवीन सेवा शर्तों, ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा शर्तों, विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेने, यंग प्रोफेशनल्स को संबद्ध करने, मनरेगा में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने, भारत सरकार को भेजे गये प्रस्ताव आदि बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्री पटेल ने कहा कि गौशालाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये स्वैच्छिक संस्थाओं (एनजीओ) स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत बनने वाली सड़कों की मरम्मत करने के लिये समय-सीमा तय की जाये। उन्होंने कहा कि “जल गंगा संवर्धन” अभियान के अंतर्गत किये गर्ये कार्यों का प्रभाव आंकलन 3 वर्ष उपरांत कराया जाये। इसके लिये बेस डेटा एवं एजेंसी अभी से तय की जाये। उन्होंने कहा कि सिपरी सॉफ्टवेयर के उपयोग के संबंध में अन्य विभागों, संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं को सिपरी का एक्सेस उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत नीति शीघ्र तय की जाये। मंत्री पटेल ने मनरेगा योजना अंतर्गत पदस्थ अमले के लिये विभिन्न प्रकार का बीमा लाभ, वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकारों का प्रत्यायोजन, जीआरएस के रिक्त पदों की पूर्ति, संविदा अधिकारी-कर्मचारी और जीआरएस की विदेश यात्रा संबंधित प्रकरणों आदि विषयों की समीक्षा की।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, संचालक पंचायती राज छोटे सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसआरएलएम श्रीमत हर्शिता सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरआरडीए दीपक आर्य सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।