संतों और मुनियों की वाणी समान रूप से प्रासंगिक, देवस्थान मंत्री ने आचार्य से लिया आशीर्वाद

जयपुर। पाली जिले में सुमेरपुर के दुजाना में आचार्य भगवंत चिदानंद सूरीश्वर का दिव्य चातुर्मासिक प्रवेश सोमवार सुबह सादगीपूर्वक हुआ। प्रवेश उत्सव में आचार्य भगवंत चिदानंद सूरीश्वर जी म.स. का जैन संघ दुजाना की ओर से सत्कार किया गया।
इस दौरान मंत्री जोराराम कुमावत ने शिरकत कर महाराजसे आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमावत ने कहा कि भारत देश साधु-संतों का देश है। यह देश अपने संतों और ऋषियों के अमर विचारों व दर्शन के कारण दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत सभ्यता है।
भारतीय तीर्थंकरों, संतों और मुनियों की वाणी, उनकी शिक्षाएं विभिन्न युगों में समान रूप से प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि जैन संत की तप, तपस्या और कड़ी साधना करते हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे जैन संतों का हमेशा आशीर्वाद मिलता है। उनके आशीर्वाद से ही मुझे जीवन जीने का ज्ञान मिलता है। इस दौरान परम पूज्य चिंतानंद सूरीश्वर, परम पूज्य लक्ष्मी विजय, परम पूज्य विद्या सागर का भी सत्कार किया गया। संघ के अध्यक्ष अरविंद राणावत ने स्वागत वक्तव्य दिया।
इस अवसर पर पाली के सांसद पीपी चौधरी, राज्य मंत्री ओटाराम देवासी सहित अन्य गणमाण्यजन ने पूज्य संत आचार्य भगवंत चिदानंद सूरीश्वर म.स. से आशीर्वाद लिया।