नाराज अपनों को रिचार्ज करेंगे हेमंत, शुरू किया मिशन

भोपाल। पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने एक मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में दौरे की शुरूआत कर चुके हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के ऐलान के पहले कार्यकर्ताओं से सीधी बात के साथ पार्टी की जमीनी पड़ताल करने के मिशन में लग गए हैं। मालवा के बाद हेमंत खंडेलवाल अब ग्वालियर चंबल की पडताल करेंगे। इसके बाद महाकौशल और विंध्य में मंथन करेंगे।
पदभार ग्रहण करते ही एक्हे शन में आए हेमंत खंडेलवाल
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने जिलाध्यक्षों की बैठक में कहा था कि "भोपाल के फेरे लगाने के बजाए वे अपने इलाके में दौरे बढ़ाएं। पदभार ग्रहण करने के ठीक एक पखवाड़े बाद ही बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष ने अपना दौरा कार्यक्राम प्लान कर लिया। खास बात ये है कि इस दौरे कार्यक्रम की शुरुआत मालवा से की। अब ग्वालियर-चंबल से करने जा रहे हैं, जहां बीजेपी में पार्टी के कई क्षत्रप विराजमान हैं।
ग्वालियर-चंबल में चुनौती
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर नरेन्द्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा के साथ पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा का गृह जिला मुरैना भी है। खंडेलवाल गुरुवार 17 जुलाई को ग्वालियर में बीजेपी की संभागीय बैठक में शमिल होंगे और संभाग में पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद के साथ फीडबैक भी लेंगे। ग्वालियर में लंबे समय तक बीजेपी के आम कार्यकर्ता और सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच जो खाई रही है। खाई पट जाने के बाद भी पार्टी के लिए इस इलाके में चुनौती बनी हुई है।
ग्वालियर चंबल की मजबूती क्यों जरूरी
ग्वालियर चंबल वो इलाका है, जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा काफी कमजोर हो गई थी। इस इलाके की 34 सीटों में से 26 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। हालांकि फिर 2020 में सिंधिया के बीजेपी का दामन थाम लेने के बाद पांसा पलट भी गया। बीजेपी यहां मजबूत हुई। ग्वालियर की राजनीति में सिंधिया के बढ़ते कद से पार्टी के नेताओं के सामने वजूद का संकट भले ना आया हो, लेकिन अंदर ही अंदर नाराजगी तो बढ ही गई है।
कभी इसी इलाके से केन्द्रीय मंत्री रहे नरेन्द्र सिंह तोमर अब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बन चुके हैं। इस इलाके से केन्द्रीय राजनीति में नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिल चुका है। इन दो दिग्गज नेताओं के अलावा भी 4 मंत्री के प्रभाव का ये इलाका है। बीजेपी के ऐसे 17 विधायक हैं, जो ग्वालियर चंबल इलाके से आते हैं। जाहिर है कि खंडेलवाल ग्वालियर चंबल के इस इलाके में पार्टी की जड़ें और मजबूत करने के लिए अभी से जुटेंगे। भले फिर चुनाव में पूरे तीन साल का वक्त बाकी हो।
हाशिए पर पड़े पार्टी के पुरखों से मिलेंगे खेडेलवाल
ग्वालियर चंबल के प्रवास कार्यक्रम के दौरान हेमंत खंडेलवाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे, जिन्होंने इस क्षेत्र में पार्टी को खड़ा किया। लेकिन आज वे हाशिए पर हैं। कार्यक्रम के दौरान वे पार्टी के ऐसे बुजुर्गवार नेता, जिन्हें पार्टी के पुरखे भी कह सकते हैं, उनसे खास मुलाकात करेंगे।
ग्वालियर चंबल के बाद महाकौशल और विंध्य का प्रवास
बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि "प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के पदभार और नवनियुक्ति के बाद वे संभागों के दौरे पर हैं। इसके पूर्व वे भोपाल नर्मदापुरम के साथ इंदौर, उज्जैन का दौरा कर चुके हैं। गुरुवार को वे ग्वालियर रहेंगे, फिर कुछ समय बाद जबलपुर रीवा समेत अन्य संभागों में जाएंगे। अध्यक्ष यहां कार्यकर्ताओं का आभार भी व्यक्त करेंगे। ये प्रवास कार्यकर्ताओं के साथ परिचय का प्रसंग भी होंगे। साथ में संगठन की भविष्य की गढ़ना पर भी विचार करेंगे।