सहकारिता मंत्री ने की जनसुनवाई, प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा

सहकारिता मंत्री ने की जनसुनवाई, प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा

अनियमितताओं में लिप्त कार्मिकों के वित्तीय लेन-देन की शक्तियों पर लगाई जाए रोक धारा 55 के अंतर्गत की जाने वाली जांचों की हो समीक्षा: सहकारिता मंत्री
जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों की नियमित रूप से समीक्षा कर समयबद्ध रूप से उनका निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों का एक माह के भीतर निस्तारण किया जाना चाहिए। साथ ही, इस प्रक्रिया में निरन्तर झूठी एवं आदतन शिकायत करने वाले लोगों को भी चिह्नित किया जाए।

दक मंगलवार को अपेक्स बैंक सभागार में मंत्री कार्यालय से प्रेषित किए जाने वाले जनसुनवाई प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लम्बित प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि सहकारी समितियों में अनियमितताओं के प्रकरण में कोई कोताही नहीं बरती जाए। ऐसे प्रकरणों में दोषी कार्मिकों के साथ ही जांच में देरी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाए। अनियमितताओं में लिप्त कार्मिकों के वित्तीय लेन-देन की शक्तियों पर रोक लगाने पर विचार किया जाए। साथ ही, एफआईआर दर्ज करवाने और आरोप पत्र जारी करने जैसी कार्यवाही भी समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि गबन के प्रकरणों में नियमानुसार धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाने व सम्पत्ति अटैच करने की कार्यवाही की जाए।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि अनियमितताओं के प्रकरण में संबंधित कार्मिक को निलम्बित करने पर तत्काल माननीय न्यायालय में कैवियट दायर की जाए, जिससे एकतरफा कार्यवाही नहीं हो। इस संबंध में विभागीय स्तर पर परिपत्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि बीमा कम्पनियों के क्लेम से संबंधित प्रकरणों का अविलम्ब निस्तारण किया जाए। मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के प्रकरणों में कार्यवाही के लिए केन्द्रीय रजिस्ट्रार को लिखा जाए। राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 55 के अंतर्गत की जाने वाली जांचों की समीक्षा की जाए।

दक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के स्तर से प्राप्त प्रकरणों का प्राथमिकता के  साथ निस्तारण किया जाए। जो अधिकारी समय पर जवाब नहीं भिजवाते हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में नवीन पैक्स गठन हेतु प्रावधानों में शिथिलता दी जा चुकी है। अत: नवीन पैक्स गठन के प्रकरणों में तत्काल कार्यवाही की जाए। समस्त जिलों में नवगठित पैक्स के पदाधिकारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।

सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि विभाग द्वारा प्रकरणों के समयबद्ध रूप से निस्तारण के प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे चुनिंदा प्रकरण लम्बित हैं, जिनमें जांच की कार्यवाही की जानी है। विभागीय स्तर पर जांच हेतु सेल का गठन किये जाने से प्रकरणों की समय पर जांच हो सकेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी प्रकरणों के संबंध में समय पर जवाब भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में प्रगति एक सप्ताह के भीतर अपडेट की जाए। साथ ही, जांच से संबंधित लम्बित पुराने प्रकरणों में एक माह के अन्दर स्थिति अपडेट की जाए।

बैठक में राजफेड के प्रबंध निदेशक टीकम चन्द बोहरा सहित सभी संबंधित फंक्शनल अधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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