स्किल्ड सैनिकों की भारी कमी से जूझ रही चीनी सेना, सिर्फ मशीनें हाइटेक, सैनिक नहीं

स्किल्ड सैनिकों की भारी कमी से जूझ रही चीनी सेना, सिर्फ मशीनें हाइटेक, सैनिक नहीं

बीजिंग, विश्व की सबसे बड़ी सेनाओं में शामिल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी प्रशिक्षित और स्किल्ड सैनिकों की भारी कमी से जूझ रही है। हालात ये हैं कि पीएलए के पास आधुनिक सैन्य उपकरण और मशीनें तो हैं, लेकिन उन्हें ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित सैनिक नहीं है। चीनी सेना के आधिकारिक समाचार पत्र पीएलए डेली में यह जानकारी दी गई है। इस जानकारी को आधार बनाकर 'द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्टÓ ने एक रिपोर्ट जारी की है। हम उस रिपोर्ट की कुछ अहम बातें आपके साथ साझा कर रहे हैं।
पिछले सालों में, चीन की नेवी ने कई पुराने शिप्स को रिटायर कर नए आधुनिक शिप्स को नेवी में शामिल किया है, लेकिन उनके पास बहुत कम लोग हैं जो इन शिप्स को चलाना जानते हैं। ऐसे में चीनी सेना इन हाईटेक शिप्स और मशीनों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है।

बेसिक ट्रेनिंग टेस्ट पास नहीं कर पाए
पीएलए के कई कंमाडर अभी बेसिक ट्रेनिंग टेस्ट पास नहीं कर पाए हैं। पीएलए डेली की 26 दिसंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 056 कार्वेट शिप के वाइस-कैप्टन झांग्ये ट्रेनिंग के आखिर में होने वाला टेस्ट पास नहीं कर पाए थे। एक अन्य चीनी वॉर शिप के वाइस-कैप्टन वांग यूबिंग ने भी अपनी बेसिक ट्रेनिंग पूरी नहीं की है।

हर साल लगभग 8 लाख युवा अनिवार्य मिलिट्री सर्विस के तहत 2 साल के लिए सेना में भर्ती होते हैं
चीन में सभी युवाओं के लिए मिलिट्री सर्विस अनिवार्य होती है। हर साल लगभग 8 लाख युवा अनिवार्य मिलिट्री सर्विस के तहत 2 साल के लिए सेना में भर्ती होते हैं। इन्हें तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा 16 दिन की पॉलिटिकल ट्रेनिंग भी होती है। इस ट्रेनिंग की वजह से सेना की वर्क फोर्स हर साल 3-4 महीनों के लिए 20 से 35 फीसदी तक कम हो जाती है।

समय पूरा होते ही सेना छोड़ देते हैं
पीएलए में भर्ती तो बड़ी संख्या में होती है लेकिन बहुत कम युवा ही सेना में रुकते हैं। विशेषज्ञ इस ट्रेण्ड के लिए 'वन चाइल्ड पॉलिसीÓ को जिम्मेदार ठहराते हैं। 'वन चाइल्ड पॉलिसीÓ की वजह से ज्यादातर घरों में एक ही बच्चा होता है। पेरेन्ट्स इस बच्चे को लाड़-दुलार से पालते हैं। इन बच्चों में सेना के लिए जरूरी मजबूती नहीं होती है। सेना में इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए ये समय पूरा होते ही सेना छोड़ देते हैं।

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