मुख्यमंत्री शर्मा की संवेदनशीलता से प्रशस्त हुई ’राहत की राह’

प्रभावितों के लिए भोजन से लेकर आवास तक की व्यवस्थाएं की गईं सुनिश्चित
जयपुर। जयपुर जिले में विगत दिनों हुई लगातार बारिश से कई क्षेत्रों में जलभराव और जनजीवन प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता और वर्षाजनित परिस्थितियों के दौरान प्रभावितों तक हर संभव मदद पहुंचाने की मंशा को मूर्त रूप देते हुए जयपुर जिला प्रशासन ने जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नेतृत्व में नगर निगम जयपुर हेरिटेज, नगर निगम जयपुर ग्रेटर, जयपुर विकास प्राधिकरण, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ जैसी सभी इकाइयों को समन्वित कर प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई की और मिशन मोड में प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम किया है। जिला प्रशासन द्वारा वर्षाजनित परिस्थितियों से निपटने के लिए युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं।
बीते तीन दिनों में जयपुर में हुई भारी बारिश के दौरान नगर निगम जयपुर हैरिटेज को बाढ़ नियंत्रण केंद्रों और कार्यालयों पर कुल 330 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से सभी का त्वरित निस्तारण किया गया। जलभराव एवं मिट्टी कटाव रोकने हेतु 19,800 मिट्टी के कट्टों का उपयोग किया गया, 15 पंप लगाए गए, जबकि जवाहर नगर कच्ची बस्ती में तीन अतिरिक्त पंप स्थापित किए गए। साथ ही 3,100 फीट सड़क मरम्मत और 180 नालों व मैनहोल पर कवर लगाए गए। विद्युत संबंधी 450 शिकायतों में से 280 का निस्तारण तत्काल किया गया। राहत कार्यों में 7 जेसीबी, 13 ट्रैक्टर-ट्रॉली और 4 डंपर अतिरिक्त लगाए गए।
नगर निगम जयपुर ग्रेटर को कुल 339 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन सभी का समाधान तुरंत किया गया। सीकर रोड पर तेजा मंदिर जोड़ाला, खो नागोरियान अंबेडकर स्कूल करतारपुरा, मोती डूंगरी मंदिर के पीछे और मालपुरा गेट के पास हुए जलभराव को तुरंत हटाया गया। टोंक रोड वार्ड 95 में क्षतिग्रस्त मेन सीवर लाइन का चेंबर तत्काल मरम्मत करवा दिया गया।
जयपुर विकास प्राधिकरण को पिछले तीन दिनों में कुल 196 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका निस्तारण कर दिया गया। जेडीए द्वारा 118 स्थानों पर पंप भेजकर पानी की निकासी कराई गई और शहर के 45 स्थायी जलभराव बिंदुओं पर पंप संचालित किए गए। निचले इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए 10,925 मिट्टी के कट्टे भेजे गए। जेडीए ने बनीपार्क स्थित केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त स्वेज फार्म, वैशाली नगर, दांतली, विद्याधर नगर, सायपुरा, पालड़ी मीणा, मुहाना मंडी, हाथोज सहित 12 स्थानों पर उप-बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए, जहां प्राप्त 196 शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया।
नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की बाढ़ बचाव टीमों ने पिछले तीन दिनों में 9 रेस्क्यू कार्य कर आमजन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। ठीकरिया गुर्जरान (कोटखावदा), जयसिंहपुरा खोर, सागर रोड आमेर और गलता मंदिर रोड जैसे इलाकों से प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इसी प्रकार एसडीआरएफ ने दूदू क्षेत्र में छापरवाड़ा बांध के ओवरफ्लो से जलभराव में फंसे 4 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। कोटखावदा में नालावास बांध टूटने पर प्रभावित गांवों में निरीक्षण कर रेस्क्यू टीमें तैनात की गईं।
वर्तमान में जयपुर शहर में कुल 16 बाढ़ नियंत्रण केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें नगर निगम हैरिटेज के 3, ग्रेटर के 4 और जेडीए के 9 शामिल हैं। इन सभी केंद्रों पर रेस्क्यू टीमें तैनात कर दी गई हैं और आमजन को लगातार सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
जयपुर जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप हर प्रभावित व्यक्ति तक समय पर मदद पहुंचे। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अगुवाई में आपदा प्रबंधन की यह कवायद जयपुर जिले में राहत और बचाव का अनुकरणीय उदाहरण बन गई है। जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहते हुए प्रशासन को सहयोग दें। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि प्रभावित प्रत्येक परिवार और व्यक्ति तक राहत पहुंचाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी निरंतर मिशन आपदा प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी किये है कि राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ये अधिकारी फील्ड में जाकर स्थिति का आकलन कर रहे हैं और मौके पर ही आवश्यक कदम उठा रहे हैं। साथ ही आवश्यकता अनुसार नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी लगाया गया है। राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए जेसीबी मशीनें, पंप सेट और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
अतिप्रभावित इलाकों से आमजन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा प्रभावित परिवारों को राशन किट और फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। अतिवृष्टि से प्रभावित कोटखावदा क्षेत्र में अग्रिम आदेश तक अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की विशेष तैनाती की गई है ताकि राहत कार्यों की गति और तेज हो सके। जलभराव और रपट वाले इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं तथा लाउडस्पीकर के माध्यम से आमजन को लगातार सावधान रहने और सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा वर्षा से हुए फसल खराबे का भी जायजा लिया जा रहा है। राजस्व अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर नुकसान का सर्वे कर रही है और रिपोर्ट जिला कलक्टर को प्रस्तुत कर रही है ताकि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा जारी किया जा सके।
साथ ही आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को लगातार सक्रिय है ताकि किसी भी प्रकार की सूचना या सहायता मांगने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। किसी भी आपात स्थिति में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 हैं, जहां 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है। जिला कलक्टर ने आमजन से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से जलभराव वाले क्षेत्रों में न जाएं।