भाेपाल के करोद सब्जी मंडी में लंपी वायरस का संदिग्ध पशु
भोपाल। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में इन दिना पशुओं में लंपी वायरस से फैलने वाली बीमारी के संदिग्ध मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। रविवार को राजधानी में भी लंपी वायरस का संदिग्ध पशु सामने आया है। करोद स्थित सब्जी मंडी में एक गाय की त्वचा में गठाने नजर आई।
सब्जी मंडी में काम करने वाले कुछ लोगों ने जब गाय को देखा तो उसे जांच के लिए राज्य पशु चिकित्सालय ले जाया गया। जहां गाय के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए। रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि की जाएगी। लंपी स्किन डिजीज पशुओं में होने वाला एक वायरल है, जो पॉक्स वायरस से मवेशियों में फैलता है। बीमारी मच्छरों, मक्खियों के जरिए एक से दूसरे पशुओं तक फैलती है।
छोटी-छोटी गठान दिखाई देने पर उपचार शुरू करें
पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी रोग वायरल को लेकर पशु पालकों में दहशत देखने को मिल रही है। शासन से बचाव एवं रोग की पहचान के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद जिला स्तर पर अलर्ट जारी करते हुए उपसंचालक ने शहरी सहित दोनों ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक अधिकारियों की बैठक लेकर रोग की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की गई।
शासन से गाइडलाइन जारी की
जिला पशु चिकित्सा विभाग में लंपी रोग को लेकर विभागीय बैठक हुई। उपसंचालक डॉ. हीरासिंह भवर ने कहा कि जिले के पशुओं में भी लंपी स्किन डिसीज रोग देखने को मिल रहा है, लेकिन अभी तक इस रोग से किसी भी पशु की मौत नहीं हुई है। पशुओं के शरीर में छोटी-छोटी गठान दिखाई देने पर प्राथमिक उपचार शुरू करें। पशुओं में बढ़ते रोग की रोकथाम को लेकर शासन से गाइडलाइन जारी की गई है। पशु पालकों एवं किसानों में इसका प्रचार कर रोग की पहचान एवं बचाव के तरीकों को समझाया जाए।
ये हैं लंपी वायरस से लक्षण
- लगातार बुखार रहना
- वजन कम होना
- लार निकलना
- आंख और नाक बहना
- दूध का कम होना
- शरीर पर अलग-अलग तरह के निशान दिखाई देना
- शरीर पर चकत्ता जैसी गठानें बन जाना।
उप संचालक ने कहा कि पशुओं में यह वायरस फैलने का बड़ा कारण मक्खियां व मच्छर हैं। आसपास गंदगी होने के कारण लंपी बीमारी एक से दूसरे पशु में फैलती है। क्योंकि जब किसी पशु में यह रोग होता है तो पहले उसकी स्किन पर नर्म गांठे बन जाती है। पूरे शरीर पर गांठें हो जाती हैं।
अभी तक केवल गाय भैंसों में ही नजर आई
जानकारी के अनुसार ये बीमारी अभी तक केवल गाय भैंसों में ही नजर आई है। ये बीमारी जानलेवा है, सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक इससे देश में करीब 4296 गौवंश की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि ये बीमारी दुधारू मवेशियों में होती है, इसके कारण पशुओं की स्कीन पर गठानें नजर आने लगती है।
मच्छरों और मक्ख्यिों सहित जूं और ततैया की वजह से फैलती है
ये बीमारी मच्छरों और मक्ख्यिों सहित जूं और ततैया की वजह से फैलती है। क्योंकि ये एक दूसरे के सम्पर्क में आते हैं, इनके एक स्थान पर बैठकर तुरंत उड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बैठने से ये शीघ्र फैलती है, खासकर भोजन या अन्य खाद्य सामग्री पर बैठने के कारण इसका ज्यादा फैलाव हो रहा है। इसलिए अपने आसपास सफाई बनाए रखना चाहिए।