1 घंटा 14 सौ 70 वोटर्स, यही है इस बार इन 'माननीयों' का टारगेट

1 घंटा 14 सौ 70 वोटर्स, यही है इस बार इन 'माननीयों' का टारगेट

भोपाल
मध्य प्रदेश में इस बार सच में विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है. दिलचस्प इस मायने में कि इस बार प्रत्याशियों ने मतदाताओं तक पहुंचने का टारगेट तक फिक्स कर लिया है. प्रचार के दिन और मतदाताओं की संख्या के हिसाब से हर प्रत्याशी को एक घंटे में औसतन 1470 वोटर्स तक पहुंचना है. लक्ष्य कठिन है इसलिए प्रत्याशी सोशल मीडिया के सहारे हैं.

मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान है. नामांकन की आख़िरी तारीख़ 9 नवंबर थी और नाम वापसी की 14 नवंबर. उसके बाद चुनाव का सीन साफ हो पाया है. प्रचार सिर्फ 26 तारीख़ की शाम 5 बजे तक किया जाना है. इस तरह कुल मिलाकर 12 दिन इन प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए मिले हैं. इतने कम समय में एक-एक मतदाता तक खुद पहुंचना मुश्किल है. प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार तो कर ही रहे हैं, उससे ज़्यादा वो अब डिजिटल कैंपेनिंग भी कर रहे हैं.

बीजेपी और कांग्रेस ने इस बार सत्ता पाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है.लिस्ट में देरी होने की वजह से इन दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को नामांकन के बाद प्रचार-प्रसार का सीमित समय मिला है.अगर देखा जाए तो अब प्रत्याशियों को रोज़ाना कम-से- कम हर घंटे औसतन 1470 लोगों से अपने लिए वोट की गुहार लगानी पड़ेगी.

भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे ज़िलों में कई विधान सभा क्षेत्रों में 3 से साढ़े तीन लाख वोटर्स हैं. इस हिसाब एक दिन में प्रत्याशी को करीब 17 हजार 647 मतदाताओं तक पहुंचना होगा. यानि एक घंटे में 1470 वोटर्स. एक प्रत्याशी एक दिन में करीब 12 घंटे ही प्रचार कर पाता है.

ऐसे समय में सोशल मीडिया ही सबका संकटमोचन है. प्रत्याशियों ने बूथ स्तर तक डिजिटल वॉलंटियर्स की फौज उतार दी है, वो फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्वीटर के ज़रिए अपने माननीयों के लिए धुआंधार प्रचार कर रही है.