सागौन की अवैध कटाई कर विभाग को लाखों का चूना लगा गए वन माफिया

सागौन की अवैध कटाई कर विभाग को लाखों का चूना लगा गए वन माफिया

बालाघाट
लामता वन विकास निगम के अंतर्गत लालबर्रा परियोजना परिक्षेत्र में वन माफियाओ ने जिम्मेंदारो की नाक नीचे भारी मात्रा में जंगलों से सागौन,बीजा और सतकट्टा जैसे बेसकिमती वृक्षो की अवैध रूप से कटाई की और कुछ हद तक अपने मंसूबो पर कामयाब भी हो गये। लेकिन विभाग को इसकी कोई जानकारी नही थी। अब इसे जिम्मेंदारो की बदकिस्मती ही समझो कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान जिला मुख्यालय से मीडिया टीम ने सूत्रों से मिली सुचना पर सालेबर्डी, कटंगा और सेलवा बीट का मुआयना किया। जहां मीडिया टीम को भारी मात्रा में पेड़ और कटे हुए ठूंठ मिले। मीडिया ने मामले की सारी जानकारी जिला मुख्यालय पहुचंकर वरिष्ठ अधिकारियों के कान में फूंकी। जैसे ही विभाग को वृक्षों की कटाई होने की जानकारी लगी, संबधित जिम्मेदारों और उनके महकमे में हडकंप सा मच गया।

हांलाकि वरिष्ठ अधिकारियो ने इस पूरे कारनामे के पीछे संबधित अधिकारी/कर्मचारियों के माफियाओ के साथ संलिप्त होने की पुष्टी नही की है लेकिन जानकारों को मानना है कि माफिया बिना सांठगांठ से इस पूरी वारदात को यु ही अंजाम नही दे सकते है। आखिर मामले में जांच टीम ने अपनी जाचं रिपोर्ट में बेसकीमती सागौन,बीजा और सतकट्टा मिलाकर कुल 127 पेड़ो की अवैध कटाई होने की पुष्टी की है और जांच रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारियों को  प्रेषित भी की है। जिससे यह साफ तौर पर साबित हो चुका है कि माफियाओं ने  कहीं ना कहीं कांधा से कांधा मिलाकर विभाग को चूना लगाया है।

आपको बता दे, कोरोना महामारी के बढते सक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान वन माफियाओ ने सालेबर्डी, सेलवा और कटंगा सहित अन्य बीटो में जमकर सागौन,बीजा और सतकट्टा जैसे बेसकीमती पेडो की कटाई की और कुछ हद तक काटी गई वनोपज का परिवहन भी कर लिया।

इस वारदात के समय विभाग संबधित अधिकारियो और कर्मचारियों को इसकी भनक थी या नही, इसकी पुष्टी हम नही कर सकते। लेकिन इतन भारी मात्रा में पेड़ो की कटाई की जाकर परिवहन कर लिया जाना, विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ को दर्शाता है। वही जिस स्थान पर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है, वह स्थान वन चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर है। जब वरिष्ठ अधिकारियो को मामले की जानकारी लगी है तो एसडीओ श्री श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में दो टीमे गठित की गई और मामले की जांच कार्यवाही करवाई गई। जहां जांच टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार कर विभाग को प्रेषित भी कर दिया। जहां जाचं रिपोर्ट में बेसकीमती सागौन,बीजा और सतकट्टा जैसे कुल 127 पेडो की अवैध कटाई होना पाया गया। जहां जांच टीम ने साल्हेबर्डी बीट से सागौन,बीजा और सतकट्टा के कुल 33 नग पेड काटे जाने की पुष्टी की जिसमें 21 वनोपज बरामद किये गये। यंहा विभाग को 11979 रूपये की हानि हुई।

वही सेलवा बीट में 69 नग पेड़ कटे मिले, जिसमें 59 नग वनोपज की बरामदी हुई। यहां विभाग को 44044 रूपये की हानि उठानी पड़ी। इसके साथ ही कटंगा बीट में सागौन और सतकट्टा के 25 नग पेड़ कटे मिले जिसमें 22 नग वनोपज की बरामदी की गई। यहां विभाग को 4239 रूपये की हानि उठाई पडी। इस तरह सालेबर्डी, सेलवा और कटंगा बीट में जांच टीम ने 127 पेड़ों की अवैध कटाई होने की पुष्टी की। जहां विभाग को इस तरह की गई अवैध कटाई से लगभग 60 हजार रूपये की हानि हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में जिम्मेंदारो को विभाग ने कारण बताओ नोटिश भेजा, जहां 3 दिनो के भीतर जवाब मांगा है। यदि संतोषजनक जवाब नही मिला तो विभाग द्वारा दोषियो पर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी।

एक ओर जंगल को बचाने हेतु तरह तरह की मुहिम छेडी जाती है तो वही दूसरी ओर जिम्मेदारों की निष्क्रियता के चलते भारी मात्रा में सागौन जैसे पेडो की अंधाधुन कटाई भी हो रही है। बावजूद इसके न तो विभागीय अधिकारी गंभीर नजर आ रहे हैं और क्षेत्रिय जिम्मेदार। जिससे वन माफिया पर कोई कार्यवाही नही हो पाती और उनके हौंसले बुलंद हो जाते है और वे घात लगाकर इस तरह से पेड़ो की कटाई कर अपने मंसूबो को अंजाम देते है।

मामले की जानकारी लगने पर प्रकरण दर्ज किया गया था। जहां दो जांच टीम गठित कर मामले में जांच कार्यवाही करवाई गई। जांच रिपोर्ट में पेड़ो की कटाई होने की पुष्टी हो चुकी है। इस तारतम्य में जिम्मेदारो को कारण बताओ नोटिश भेजा गया जहां तीन दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा गया है। यदि संतोषजनक जवाब नही मिलता तो दोषियों पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। कटाई के पीछे विभाग के कर्मचारियों के संलिप्तता की कोई सूचना नही है, स्टॉफ की कमी के कारण इस तरह के घटनाक्रम होते है।  
एमएस श्रीवास्तव, डीएफओ, लामता वन विकास निगम बालाघाट