कांग्रेस के कर्जमाफी के वादे के बाद किसान नहीं बेच रहे धान, बोले- उम्मीद है सरकार बदलने से होगा बड़ा फायदा

कांग्रेस के कर्जमाफी के वादे के बाद किसान नहीं बेच रहे धान, बोले- उम्मीद है सरकार बदलने से होगा बड़ा फायदा

धमतरी
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को शुरू हुए महीनेभर हो गया है, लेकिन अब तक 80 फीसदी किसान केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाए हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केकर्ज माफी के वादे के बाद किसानों की उम्मीदें बढ़ चुकी है। इसलिए सभी किसान बेसब्री से चुनाव के परिणामों का इंतज़ार कर रहे है। शायद यही वजह है कि अब तक सिर्फ 28 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो पाई है।

15 दिन पहले शुरू होने पर भी नहीं हो रही आवक 
पहले हर साल 15 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी होती थी, लेकिन इस साल इसमें बदलाव कर दिया गया। 1 नवंबर से 84 केन्द्रों में धान की खरीदी हो रही है। इस तरह 15 दिन पहले खरीदी शुरू होने के बाद भी अब तक आवक में बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। अभी भी गिनती के ही किसान केन्द्रों तक आ रहे हैं।

कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने किया है कर्जमाफी का वादा 
बता दे कि कांग्रेस समेत अन्य राजनैतिक पार्टियों ने सत्ता में आने के बाद किसानों का कर्ज माफी करने का वादा किया है। इसलिए कर्जदार किसान इसका फायदा उठाने के लिए अपना धान बेचना उचित नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने खेतों में धान की कटाई, मिंजाई कार्य पूरा कर लिया है। अब खलिहान में लाकर इसकी रखवाली कर रहे हैं।

सेमरा के किसान राजेन्द्र सिन्हा, नवागांव के गोपाल सिन्हा और अवधराम साहू ने बताया कि धान बेचने पर लिकिंग से कर्ज की वसूली हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि सरकार बदलने के बाद उनका कर्ज भी माफ हो जाएगा।

मजदूरों की बढ़ी परेशानी 
खरीदी केन्द्रों में धान की तौल करने के लए बड़ी संख्या में मजदूर लगे हुए हैं। आवक कम होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। उनकी रोजी भी नहीं निकल पा रही है। मजदूर रामभरोसा साहू, लाला सिन्हा और मनोहर यादव ने बताया कि गिनती के ही किसान धान बेचने आ रहे हैं। दोपहर 12 बजे तक धान तौलाई कार्य हो जाता है। इसके बाद किसानों के इंतजार में खाली बैठना पड़ता है।