ओरछा से गाड़ी में 22 पुतले लेकर यहां कुछ लोग पहुंचे
भोपाल। भाजपा में शामिल होने के बाद दूसरी बार ग्वालियर पहुंचे राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुरूवार को अनोखे तरीके से विरोध किया गया। सिंधिया के विरोध में गुरुवार को कुछ युवा 22 बागी पूर्व विधायकों के पुतले लेकर पहुंचे। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले स्थित ओरछा से ये युवक लोकतंत्र बचाओ बैनर के तले ग्वालियर पहुंचे थे। जैसे ही पुलिस को यह खबर लगी तो उन्हें तुरंत पकड़ लिया गया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले भाजपा के महासदस्यता अभियान के लिए ग्वालियर आए थे। तब कांग्रेसियों ने आरोप लगाया था कि पार्टी से धोखा देने पर आम जानता के विरोध के डर से वे पूरी सरकार के साथ अपने ही घर आए है। गुरुवार को सिंधिया निजी कार्यक्रम में शामिल होने यहां पहुंचे हैं। उनके स्वागत के लिए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी व हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए कार्यकर्ता तो दिखे परंतु भाजपा का कोई बड़ा नेता या कार्यकर्ता नजर नहीं आया। बताया जाता है कि सिंधिया के यहां पहुंचने से पहले ही गुपचुप उनके विरोध को लेकर रणनीति तैयार की गई थी। इसी के चलते ओरछा से गाड़ी में 22 पुतले लेकर यहां कुछ लोग पहुंचे।
घसीटते हुए लाए पुतले
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए 22 पूर्व विधायकों के पुतले रस्सी से बांधकर घसीट कर लगे जा रहे थे। पड़ाव पुल पर पुलिस ने गिरफ्तार किया ओर बल प्रयोग करते हुए छुड़ाए। इनको चौराहे पर जलाए जाने की तैयारी थी इससे पहले पुलिस को खबर मिल गई और उन्हें रोक लिया। अर्धनग्न हालात में पुतले लाए इन युवाओं का कहना था कि वह लोकतंत्र बचाने के लिए प्रदर्शन करना चाहते हैं। सिंधिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि राजा महाराजाओं को लोकतंत्र और आम जनता की भावनाओं से कोई मतलब नहीं। उधर पुलिस का कहना है कि बिना इजाजत इस तरह का प्रदर्शन करना गैरकानूनी है। इन युवकों को गिरफ्तार किया गया है।