कमेटी 23 मार्च 2020 से 6 महीने पहले तक के कमलनाथ कैबिनेट में लिए गए फैसलों की समीक्षा करेगी
कमेटी में मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, गोविंद राजपूत और बृजेन्द्र प्रताप सिंह शामिल
भोपाल। कमलनाथ सरकार के फैसलों की जांच के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अब कैबिनेट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 23 मार्च 2020 से 6 महीने पहले तक के कमलनाथ कैबिनेट में लिए गए फैसलों की समीक्षा करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कैबिनेट कमेटी के गठन की जानकारी दी गई। इस कमेटी में पांच मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, गोविंद राजपूत और बृजेन्द्र प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। सभी को समिति का सदस्य बनाया गया है। खास बात यह है कि इससे पहले जांच के लिए गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट भी इसी कैबिनेट कमेटी के सामने पेश की जाएगी।
पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर, अब कैबिनेट कमिटी
मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही सीएम शिवराज ने फैसला लिया था कि वह कमलनाथ सरकार के आखिरी 6 महीने के फैसलों की समीक्षा करेगी। इसके लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया गया था। GoM में तब मंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट और कमल पटेल को शामिल किया गया था, लेकिन अब सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की जगह कैबिनेट कमेटी गठित करने का फैसला किया है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अब तक की रिपोर्ट भी इसी कैबिनेट कमेटी के सामने पेश की जाएगी।
आखिरी समय में की गई नियुक्तियों और जारी कि गए टेंडर की होगी जांच
दरअसल, मध्य प्रदेश में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सरकार जाने के आखिरी दिनों में कमलनाथ सरकार ने कई अहम नियुक्तियां अलग-अलग आयोग में की थी। माना जा रहा है की इन नियुक्तियों को लेकर जांच होगी। साथ ही कुछ विभागों में किए गए टेंडर प्रक्रिया की जांच भी कैबिनेट कमेटी कर सकती है।