किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर जबरन अधिग्रहित करने पर तुला प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन

किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर जबरन अधिग्रहित करने पर तुला प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन

कंपनी प्रबंधन के इशारे पर काम कर रहा प्रशासन, किसानों में आक्रोश

सतना/भोपाल जिले की रामपुर बघेलान तहसील में संचालित प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की मनमानी थम नहीं रही है। लाइम स्टोन माइंस के नाम पर प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन किसानों की बेशकीमती जमीनों को औने—पौने दामों में खरीदकर मोटा मुनाफा कमाने पर तुला है। खास बात यह है कि प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन को फायदा पहुंचाने जिला प्रशासन भी कंपनी की इस मनमानी को रोकने के बजाय किसानों का शोषण करने पर तुला हुआ है। ताजा मामला प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन के हिनौती माइंस से सटे ग्राम बदरखा का है, जहां किसानों की करोड़ों कीमती जमीन को कौड़ी के भाव खरीदने के लिए प्रिज्म प्रबंधन किसानों पर दबाव डाल रहा है। प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन ने इसके लिए प्रशासन की मदद से किसानों पर जबरन भूमि अधिग्रहण का दबाव बना रहा है, जबकि गांव के अधिकांश किसान मनमानी रेट पर अपनी बेशकीमती जमीन देने को तैयार नहीं हैं। एसडीएम कोर्ट से दिलवाया नोटिस प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन ने बदरखा गांव के किसानों की जमीन मनमाने दाम पर जबरन खरीदकर माइंस शुरू करने के लिए प्रशासन का सहारा लिया है। खास बात यह है कि इस मामले में एसडीएम रामपुर बघेलान ने भी प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की ओर से किसानों की एकतरफा जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी किया है। इसके चलते किसान बेवजह तहसील के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ऐसे में किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उधर, किसानों का कहना है कि वह प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन को मनमानी रेट भी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे। *न उचित मुआवजा और न ही जमीन के बदले नौकरी* प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की मनमानी का आलम यह है कि प्रबंधन माइंस के नाम पर किसानों की बेशकीमती जमीन औने—पौने दाम पर अधिग्रहित कर जमीन के अंदर से लाइमस्टोन निकालकर सीमेंट के जरिए मोटा मुनाफा कमा रहा है। प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन किसानों को न तो जमीन अधिग्रहण के बदले परिवार के सदस्य को नौकरी दे रहा है और न ही बेशकीमती जमीन को उचित मुआवजा दे रहा है। ऐसे ?में किसान खुद को असहाय और लाचार समझ रहे हैं। खास बात यह है कि जिस प्रशासन पर न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है, वही किसानों से मनमानी दाम पर जबरन जमीन अधिग्रहित कर प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन को फायदा पहुंचाने पर तुला हुआ है। *किसानों के सामने भूखे मरने की नौबत* प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की लापरवाही और मनमानी का ही आलम है कि गांव के किसानों के सामने अब भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की मनमानी के कारण गांव के किसान अपनी जमीन पर खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। गांव से सटे हिनौती माइंस में ओपन एरिया होने के कारण आवारा मवेशी पूरी फसल चौपट कर दे रहे हैं, जबकि गांव के अधिकतर किसान पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं। ऐसे में किसान जमीन होने के बाद भी उस पर फसल नहीं उगा पा रहे हैं। आलम यह है कि आवारा मवेशियों के कारण किसानों को खेतों में बाड़ लगाने के बाद भी फसल तैयार नहीं हो पा रही है। वहीं आबादी और खेती की जमीन के 100 मीटर से भी कम दायरे में माइंस संचालित होने के कारण घरों में दरारें आ चुकी हैं। ऐसे ?में किसानों पर कभी भी आफत आ सकती है। वहीं खेतों पर खड़े ट्यूबवेल भी ब्लास्टिंग होने के कारण जमीन में ही फंस कर रह गए हैंं। इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। *मजबूरी में कई किसान औने—पौने दाम पर दे चुके हैं जमीन* प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन की मनमानी लंबे समय से जारी है। सीमेंट प्रबंधन ने माइंस एरिया में कई किसानों की बेशकीमती जमीन औने—पौने दाम में अधि?ग्रहित कर चुका है। प्रबंधन ने इस बेशकीमती जमीन के बदले न ?तो किसानों को उचित मुआवजा दिया है और न ही परिवार के किसी सदस्य को रोजगार दिया है। ऐसे में कई किसान प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन के चलते भूमिहीन हो चुके हैं। प्रिज्म सीमेंट प्रबंधन को औने—पौने दामों में मजबूरन जमीन देने के बाद कई किसान अब भूमिहीन हो चुके हैं। ऐसे में उनके सामने न तो खेती के लिए जमीन बची है और न ही कोई परिवार पालने का साधन बचा है, जबकि अधिकतर किसानों के पास सिर्फ खेती ही आय का साधन थी।* जबरन नहीं ले सकते किसानों की जमीन*को कोई भी कंपनी किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहित नहीं कर सकती है। जहां तक रामपुर बघेलान एसडीएम द्वारा किसानों को दिए गए नोटिस की बात है, तो वह नियमानुसार ही होगा। हालांकि, मैं नोटिस देखकर ही इससे ज्यादा कुछ कह पाऊंगा।
  1. -सतेंद्र सिंह, कलेक्टर सतना