महामहिम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे आदिवासी महोत्सव का शुभारम्भ

महामहिम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे आदिवासी महोत्सव का शुभारम्भ

महामहिम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे आदिवासी महोत्सव का शुभारम्भ

केन्द्रीय मंत्रियों सहित जनजातीय समाज के प्रतिनिधि रहेंगे उपस्थित

आदिवासी महोत्सव में जनजातीय संस्कृति और पुरातत्व वैभव की रहेंगी झलक

mandla-his-excellency-vice-president-venkaiah-naidu-will-inaugurate-the-tribal-festival Syed Javed Ali मण्डला- देश के महामहिम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू रामनगर में आदिवासी महोत्सव का शुभारंभ 15 फरवरी को प्रातः 11.00 बजे करेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति पर्यटन मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, मिजोरम के उप मुख्यमंत्री श्री जिष्णुदेव वर्मा राजा, राज्य सभा सांसद श्रीमती सम्पतिया उइके, विधायक श्री देवसिंह सैयाम, विधायक श्री राकेश पाल, जिला पंचायत अध्यक्ष मण्डला श्रीमती सरस्वती मरावी, जिला पंचायत अध्यक्ष डिण्डौरी श्रीमती ज्योतिप्रकाश धुर्वे उपस्थित रहेंगे। महामहिम उपराष्ट्रपति श्री नायडू के चैगान स्थित हेलीपेड में आगमन पर अगवानी होगी, तत्पश्चात मोतीमहल स्थित राजवंश के स्तंभ में पुष्प अर्पित कर आदिवासी महोत्सव का विधिवत शुभारंभ कर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करेंगे। मण्डला सांसद केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि गोंडवाना राज्यवंश कालीन ऐताहासिक स्थल रामनगर में परंपरा अनुसार आदिवासी महोत्सव का दो दिवसीय भव्य आयोजन 15 फरवरी को प्रारम्भ होगा। यहाॅं आयोजित होने वाले महोत्सव में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय जनजाति मंत्री जे.एल. उरांव सहित आदिवासी समाज के नेतृत्व करने वाले देश भर के अनेक वरिष्ठ समाज सेवी आयोजनों में अपनी उपस्थिति प्रदान किये है। श्री कुलस्ते ने बताया कि आदिकाल से आज तक जनजाति समाज का इतिहास और परम्परा वैसे ही अविरल है, जैसे रामनगर के किनारे कल-कल करती माॅं नर्मदा, साथ ही माॅं नर्मदा इस बात की साक्षी है कि गौंड़ राजाओं की राजधानी ऐताहासिक एवं पुरातात्विक रूप कितना समृद्व रहा है। रामनगर के मोतीमहल, रानीमहल, आस्था का केन्द्र चैगान के ऐतेहासिक महत्व को पूरा देश परिचित हो सके साथ ही महोत्सव में जनजातीय संस्कृति, लोक नृत्य, लोक संगीत, जनजातीय कला, को आमजनता करीब से देख सके, और उसके पुरातन इतिहास को समझ सके इसके लिए इस तरह के आयोजन के शुरूआत हमारे द्वारा की गई, पूर्व में मोतीमहल व अन्य पुरातन स्थल का विकास किया गया है, आने वाले समय में रामनगर को विशेष पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हमारी प्रतिबद्वता है। श्री कुलस्ते ने आगृह किया कि आदिवासी महोत्सव में सर्व समाज उपस्थित होकर इस आयोजन को भव्यता प्रदान करें ।