shyam jatavनीमच, एक किसान नीमच मंडी में करीब 30 क्विंटल प्याज लेकर आया था. करीब 2 घंटे बाद व्यापारी प्याज देखने पहुंचे. उसके बाद व्यापारियों ने प्याज लेने से इन्कार करते हुए कहा कि यह प्याज यदि हम 50 पैसे किलो भी लेंगे तो भी हमारा घाटा होगा. इसके बाद गुस्साए किसान ने प्याज मंडी में यूं ही छोड़ दिया और गांव के लिए रवाना हो गया. गौरतलब कृषि मंडी में रोजाना जिले भर के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई किसान अपनी उपज देने आते हैं. ऐसे में किसानों को अपनी उपज के सही दाम नहीं मिलने पर निराशा का सामना करना पड़ता है. ऊपर से आने-जाने का पैसा भी किसानों की जेब से ही खर्च होता है.
बुधवार सुबह नीमच कृषि उपज मंडी में राजस्थान के छोटी सादडी तहसील के गांव बसेडा निवासी किसान सोहनलाल आंजना एक ट्रैक्टर 1500 रुपए किराए पर लेने के बाद उसमें करीब 30 क्विंटल प्याज भर करीब 11 बजे कृषि उपज मंडी पहुंचा. मंडी में करीब 2 घंटे के इंतजार के बाद दोपहर 1 बजे सोहनलाल के प्याज की नीलामी का नंबर आया. मंडी के प्याज व्यापारी किसान सोहनलाल की उपज के पास पहुंचे.
व्यापारियों ने किसान सोहनलाल को जो जवाब दिया, उससे वह चौंक गया. व्यापारियों ने सोहनलाल से कहा कि अगर हम यह प्याज 50 पैसे किलों भी लेंगे तो हमें उसमें भी घाटा होगा. व्यापारियों के इस जवाब से परेशान किसान ने कुछ देर सोच विचार किया. उसके बाद किसान 30 क्विंटल प्याज मंडी में ही छोड़कर अपने गांव के लिए रवाना हो गया.
सोहनलाल का कहना था कि अगर वापस प्याज लाता तो उसे दोबारा ट्रैक्टर में लदवाने और उतरवाने का किराया देना पड़ता, जो 300 रुपये पड़ता. किसान का कहना है कि मंडी का ऐसा हाल पता होता को गांव में ही सारी प्याज मुफ्त बांट देता, कम से कम लोग दुआएं देते. इस मामले में मंडी निरीक्षक भगवंत सिंह ने कहा कि मंडी में प्याज का भाव क्वालिटी के आधार पर तय होता है. मुझे नहीं मालूम कि कौन किसान प्याज छोड़कर चला गया.