21 फीट पर पहुंचा चीलर बांध का जल स्तर, बारिश के चलते नदी नाले उफान पर

21 फीट पर पहुंचा चीलर बांध का जल स्तर, बारिश के चलते नदी नाले उफान पर

बांध पर जमा होने लगी लोगों की भीड़, हादसे का अंदेशा

amjad khan शाजापुर। आसमान से मेघ के बरसने का दौर जारी है और इसीके चलते तेज बूंदों के साथ हुई बारिश ने उफान पर ला दिया है और साथ ही शहर के लोगों का वर्षभर कंठ तर करने वाले चीलर बांध के जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी कर दी। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून की देरी से दस्तक हुई है, लेकिन इसके बाद भी अच्छी बारिश हुई है और इसीके चलते धरा ने जहां हरियाली की चादर ओड़ ली है तो वहीं पेयजल स्त्रोतों में पानी बढऩे से लोगों को जल सकंट से भी निजात मिल गई है। उल्लेखनीय है कि आसमान से तेज बूंदों के बरसने का सिलसिला जारी है और इसीके चलते रविवार को भी दिनभर बादल बरसते रहे जिसकी वजह से चीलर बांध में पानी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी गुर्जर ने बताया कि चीलर बांध का जल स्तर बढक़र करीब 21 फीट के करीब पहुंच गया। गौरतलब है कि शनिवार सुबह काली घटाएं तेज बूंदों के साथ जमकर बरस पड़ीं और बारिश का यह दौर रविवार को भी दिनभर रूक-रूककर बदस्तूर जारी रहा। तेज बारिश के नदी-नाले उफान पर रहे। बारिश के कारण लखुंदर नदी के उफान पर आने से भदौनी पुलिया और रागबैल पुलिया से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया और ग्रामीण अंचलों का जिला मुख्यालय से पूरी तरह संपर्क टूट गया। वहीं जाईहेड़ा पुलिया पर चीलर नदी का तेज बहाव होने से यहां भी आवागमन कुछ घंटों के लिए बंद रहा। वहीं मौसम विशेषज्ञ सत्येंद्र धनोतिया का कहना है कि आगामी दिनों में कोई प्रभावी सिस्टम नही होने से वर्षा की संभावना कम ही है। हालांकि स्थानीय बादल बनने से शाम को गरज-चमक और कहीं-कहीं बूंदाबांदी की संभावना रहेगी और यह स्थिति आगामी 8 से 10 दिनों तक रह सकती है। बांध पर जमा होने लगी भीड़ उल्लेखनीय है कि आसमान से निरंतर बरस रहीं काली घटाओं ने शहर के लोगों की वर्षभर प्यास बुझाने का इंतजाम कर दिया है और चीलर बांध का जल स्तर तेजी से बढक़र करीब साढ़े 21 फीट पर जा पहुंचा है। वहीं बारिश का दौर रूक-रूककर जारी है जिसके चलते इस वर्ष बांध के लबालब होने की प्रबल संभावना बनी हुई है। जल स्तर बढऩे के बाद शहर के लोगों की भीड़ भी चीलर बांध पर बढऩे लगी है और युवा बिना रैलिंग वाले चॉबी पाइंट पर बेखौफ होकर सेल्फी ले रहे हैं जिससे हादसे का अंदेशा बना हुआ है।