सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति से आकांक्षी जिले एवं ब्लॉक भर रहे विकास की नई उड़ान

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति से आकांक्षी जिले एवं ब्लॉक भर रहे विकास की नई उड़ान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अभिनव पहल से विकसित राजस्थान का संकल्प हो रहा साकार

हर जिले में एक ब्लॉक को विकसित बनाने के लिए राज्य सरकार ने शुरू की ‘गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना’

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर चलते हुए प्रदेश में आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक्स का समावेशी एवं सतत विकास सुनिश्चित हो रहा है। प्रधानमंत्री की इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने की दिशा में प्रदेश के सभी 41 जिलों के एक-एक ब्लॉक में गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना भी शुरू की है।

अविकसित जिलों के उत्थान के लिए जनवरी, 2018 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) 112 जिलों में शुरू किया गया। केंद्र सरकार एवं नीति आयोग द्वारा संचालित यह कार्यक्रम नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक जीवन स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत राजस्थान के पांच जिलों बारां, धौलपुर, जैसलमेर, करौली और सिरोही में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम डेटा पर संचालित होता है, जिससे चिन्हित जिलों की प्रतिमाह डेल्टा रैंकिंग निकाली जाती है। 49 संकेतकों के आधार पर कार्य की निगरानी और मूल्यांकन कर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। इसके तहत अब तक बारां को 17.51 करोड़ रुपये, धौलपुर को 15.82 करोड़, जैसलमेर को 9.62 करोड़, करौली को 9.05 करोड़ औऱ सिरोही को 4.81 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त हो चुकी है।    

आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम से निचले स्तर पर सकारात्मक बदलाव की शुरूआत-

आकांक्षी जिला कार्यक्रम से जिलों में आए सकारात्मक बदलाव, सफलता और विकास को ब्लॉक स्तर तक पहुंचाने के लिए जनवरी, 2023 में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस कार्यक्रम के तहत राजस्थान केे 27 ब्लॉक किशनगंज, बसेड़ी, फतेहगढ़, मासलपुर, आबूरोड, नीमराना, सज्जनगढ़, रामसर, वैर, कोटड़ी, कोलायत, केशवरायपाटन, निम्बाहेडा, राजगढ़, रामगढ़ पचवारा, झोंथरी, संगरिया, अहोर, खानपुर, शेरगढ़, जायल, रानी, पीपलखूंट, भीम, गंगापुर सिटी, पीपलू और खेरवाड़ा शामिल हैं। इन ब्लॉक में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, बुनियादी ढांचा और कौशल विकास के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। 

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत विभिन्न कार्यक्रम होंगे संचालित-

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने की दिशा में समग्र और समावेशी विकास की भावना से गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना की शुरूआत की तथा इसके सफल क्रियान्वयन के संबंध में 27 मार्च, 2025 को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया गया है। योजना के माध्यम से राजस्थान में कुल 41 ब्लॉकों में लक्षित विकास कार्यक्रम संचालित कर उन्हें विकसित ब्लॉक की श्रेणी में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

ब्लॉक्स में नवाचार आधारित कार्यक्रम को मिलेगा बढ़ावा-

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के जरिए सभी चिन्हित ब्लॉकों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, आधारभूत संरचना, कौशल विकास एवं सामाजिक विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नवाचार आधारित कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग के लिए 39 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को आधार बनाया गया है। इस योजना की विभिन्न स्तर पर निगरानी की जाएगी। राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर समितियां कार्यक्रमों की नियमित समीक्षा करेंगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति और जिला क्लक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय समितियां बनाई गई हैं।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को मिलेगी पुरस्कार राशि-

वित्त वर्ष 2025-26 के राज्य बजट में आकांक्षी ब्लॉक्स के विकास के लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रत्येक ब्लॉक के लिए 1.5 करोड़ रुपये (अनटाइड फण्ड) का प्रावधान शामिल है। योजना से संबंधित 30 ब्लॉकों से प्लान ऑफ एक्शन प्राप्त हो चुके हैं। योजना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को प्रोत्साहन स्वरूप वार्षिक पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। पहला स्थान प्राप्त करने ब्लॉक को 50 लाख रुपये, दूसरे स्थान को 35 लाख, तीसरे स्थान को 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

चयनित ब्लॉकों में बेसलाइन डाटा संग्रहण का कार्य पूर्ण-

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना में भिनाय, रामगढ़, सिणधरी, गढ़ी, शाहबाद, चौहटन, मसूदा, भूसावर, करेड़ा, बीकानेर, तालेड़ा, गंगरार, चूरू, सिकंदरा, पहाड़ी, सैपऊ, नावा, गलियाकोट, भादरा, चाकसू, सम, जालौर, झालरापाटन, झुंझूनूं, सेखाला, करौली, तिजारा, लाडपुरा, बानसूर, मेड़ता, बाली, आऊ, धमोतर, कुंभलगढ़, खंडार, सराड़ा, खंडेला, पिंडवाड़ा, सादुलशहर, उनियारा, कोटड़ा ब्लॉक शामिल हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए अब तक सभी चयनित ब्लॉकों द्वारा बेसलाइन डाटा संग्रहण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं सभी चयनित ब्लॉकों से ब्लॉक विकास रणनीति प्राप्त हो चुकी है।

आकांक्षी ब्लॉक खेरवाड़ा बना उदाहरण

उदयपुर जिले का जनजाति बहुल खेरवाड़ा ब्लॉक कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं और जनजागरूकता की कमी के कारण 2 साल पहले तक कुपोषण और कम प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) पंजीकरण सहित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से जूझ रहा था। आकांक्षी ब्लॉक विकास कार्यक्रम में जुड़ने के बाद संपूर्णता अभियान, एएनसी खोजो अभियान, स्वस्थ धरोहर शिविरों जैसी गतिविधियों और कंगारू मदर केयर जैसे अभिनव नवाचारों ने खेरवाड़ा ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दी है। एएनसी खोजो अभियान चलाकर प्रत्येक गर्भवती महिला की पहचान व 12 सप्ताह के भीतर उनका पंजीकरण सुनिश्चित किया गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि 2023 में जहां एएनसी पंजीकरण दर 60 प्रतिशत थी, वहीं 2025 तक यह 90 प्रतिशत तक पहुंच गई। पंचायत स्तर पर महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए प्रेरित किया गया जिससे संस्थानिक प्रसवों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। साथ ही, कुपोषण और एनीमिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई।

स्वस्थ धरोहर शिविरों के माध्यम से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य असंचारी रोगों की जांच की गई। खेरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राजस्थान का पहला कंगारू मदर केयर लाउंज स्थापित किया गया, जहां कम वजन वाले शिशुओं (1800-2500 ग्राम) को उनकी माताओं के साथ त्वचा से त्वचा सम्पर्क में रखा जाता है। इससे शिशु का तापमान नियंत्रित रहता है और उसका वजन भी तेजी से बढ़ता है।  एक अन्य नवाचार स्वच्छ ढाणी एप ने खेरवाड़ा ब्लॉक को सिंगल यूज प्लास्टिक और ठोस कचरे से काफी हद तक निजात दिलाई है। इस एप पर ग्रामीण अपने मोबाइल से कचरा या गंदगी वाले स्थान की तस्वीर अपलोड कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। क्यूआर कोड आधारित डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली के माध्यम से समस्या का समाधान हाथों-हाथ किया जाता है। इससे ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग 80 प्रतिशत से अधिक घटा है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए खेरवाड़ा ब्लॉक के 61 स्कूलों के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए और उन्हें ब्रेल बुक्स, साउंड बॉल्स, फ्लैशकार्ड्स आदि प्रदान किए गए। इन प्रयासों से ब्लॉक के 134 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सामान्य स्कूलों में ही शिक्षा संभव हो सकी है।