टेक्नोलॉजी ग्रामीण विकास में सहायक होगी : मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

भोपाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विकसित "युक्तधारा" पोर्टल ग्रामीण विकास के कार्यों को पूरा करने में मदद करेगा और कृषि विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा। मंत्री पटेल ने बुधवार को मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) में मनरेगा अन्तर्गत "युक्तधारा पोर्टल" के दो दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण का शुभारंभ कर संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, आयुक्त मनरेगा अवि प्रसाद, संचालक वाल्मी श्रीमती सरिता बाला सहित विभागीय अधिकारी और आठ राज्यों से आए प्रतिभागी उपस्थित रहे।
मंत्री पटेल ने कहा कि युक्तधारा सेटेलाइट इमेजिंग तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक का व्यापक उपयोग है। यह तकनीक सरकारी भूमियों की उपलब्धता का आंकलन करने, कार्यों की जमीनी स्तर पर समीक्षा करने, कार्यों की पुनरावृत्ति का पता करने और शोध संबंधी गतिविधियों के लिए उपयोग में लाई जा सकती है। तकनीक की मदद से हम शासकीय भूमियों को चिह्नांकित कर उनके बेहतर उपयोग के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। इस तकनीक की मदद से हम बंजर भूमियों का भी चिन्हांकन कर सकते है और पर्यावरण-संरक्षण के लिये बंजर भूमि को पुनः कृषि योग्य बनाने, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने सहित अन्य कोई बेहतर उपयोग भी कर सकते हैं। नीति निर्धारण में हमें इस टेक्नोलॉजी से बहुत मदद मिलेगी। इस पोर्टल के माध्यम से हम समस्याओं का निराकरण बेहतर तरीके से कर सकते हैं। सभी प्रतिभागी पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें और शंका समाधान के लिए एक्सपर्ट्स से अधिक से अधिक प्रश्न पूछें।
युक्तधारा एक भू-स्थानिक नियोजन पोर्टल है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में मनरेगा गतिविधियों की ग्राम पंचायत स्तर की योजना बनाना है। यह पोर्टल अलग-अलग प्रकार की थीमेटिक परतों, मल्टी-टेम्पोरल हाई रेजोल्यशन अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा को एनालिटिकल उपकरणों के साथ एकत्रित करता है। इसके माध्यम से योजना बनाने वाले लोगों के द्वारा अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत पिछली संपत्तियों का विश्लेषण किया जाएगा और वे ऑनलाइन उपकरणों के माध्यम से नए कार्यों की पहचान करने में सक्षम होंगे। राज्य के विभागों के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों द्वारा तैयार की गई योजनाओं का सही मूल्यांकन भी किया जाएगा। युक्तधारा आधारित योजनाएं निचले स्तर के पदाधिकारी द्वारा तैयार की जाएंगी और इससे जुड़े संसाधन आवंटन के लिए इसे उपयुक्त अधिकारियों और कार्यालयों की ओर से सत्यापित किया जाएगा। इसके माध्यम से योजना की क्वालिटी तय की जा सकेगी और पहले से तैयार संपत्तियों की निगरानी संभव हो सकेगी। पोर्टल जीआईएस उपकरणों का उपयोग करके नियोजन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को सक्षम करने के लिए विभिन्न प्रकार की स्थानिक सूचना सामग्री को एकीकृत करता है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी शालाओं में महाकवि सुब्रमण्यम भारती जयंती मनाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश की शालाओं में जयंती समारोह की श्रंखला 4 दिसम्बर से प्रारंभ हो गयी हैं। समारोह के दौरान 'भारतीय भाषा उत्सव' की थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और शैक्षिक गतिविधियां आयोजित की जायेगी। प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी को कहा गया है कि इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक बच्चों की भागीदारी हो, यह सुनिश्चित किया जाए। निर्देशों में कहा गया है कि प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के इस तरह से आयोजन किये जायें कि बच्चे भारतीय भाषा और साहित्य के महत्व को समझ सकें। निर्देशों में कहा गया है कि देश में बोली जाने वाली प्रत्येक भाषा का अपना महत्व है। सभी भाषाओं की समृद्धि से भारतीय संस्कृति की विविधता और राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलती है।
प्रदेश में विभिन्न अंचलों में लोक भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें मालवी, निमाड़ी, बघेली और बुन्देली प्रमुख हैं। इसके अलावा प्रदेश में जनजातीय भाषा के रूप में भीली, गोंडी, बारेली और सहरिया प्रमुख हैं। इन भाषाओं को ध्यान में रखते हुए बच्चों के बीच में प्रतियोगिता के आयोजन किये जाने के लिये भी कहा गया है। बहु भाषा को प्रमुखता देने का मकसद इन भाषाओं में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है।