मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय नार्कों कोर्डिनेशन सेंटर समिति का पुनर्गठन

भोपाल, राज्य शासन ने भारत सरकार द्वारा गठित नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (NCORD) के संबंध में विभिन्न हितधारकों के मध्य नीतिगत विषयों पर बेहतर समन्वय स्थापित करने तथा क्षेत्रीय स्तर पर उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए NCORD तंत्र को प्रभावी बनाने की दिशा में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय नार्कों कोर्डिनेशन सेंटर समिति का पुनर्गठन किया गया है।
समिति में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गृह, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, वन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, वाणिज्यिक कर, शिक्षा, पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल, अतिरिक्त महानिदेशक, DRI, इंदौर, डिप्टी नारकोटिस कमिश्नर, CBN, ग्वालियर, उप पुलिस महानिरीक्षक, रेल भोपाल, पोस्ट मास्टर जनरल, स्टेट ड्रग कंट्रोलर/एफ.डी.उ., निदेशक, एस.एफ.एस.एल, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा कंपनी, गृह मंत्रालय (खुफिया ब्यरों) के प्रतिनिधि, क्षेत्रीय प्रमुख, प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रतिनिधि, राज्य एड्स नियंत्रण समिति (एस.ए.सी.एस) के प्रतिनिधि और सक्षम प्राधिकारी और प्रशासक, SAFEM (FOP) अधिनियम, 1976 NDPS अधिनियम, 1985 के प्रतिनिधि (राजस्व) सदस्य होंगे। क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार, डी.डी.जी., कार्यकारी सदस्य और निदेशक, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सह-सदस्य बनाया गया हैं।
समिति द्वारा राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी की निगरानी करना जिसमें बंदरगाहों समुद्री मार्गों के माध्यम से तस्करी और नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों पर तटीय राज्यों में राष्ट्रीय नीति का कार्यान्वयन शामिल हैं।
ड्रग कानून प्रवर्तन और नशीली दवाओं के दुरूपयोग से संबंधित मामलों पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के मुद्दों को संबोधित करना, राज्य स्तर पर नशीली दवाओं के दुरूपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना, राज्य स्तर क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के मुद्दों को संबोधित करना, राज्यों में मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम तैयार करना और कार्यान्वित करना, स्वापक नियंत्रण योजना के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सहायता के तहत स्वीकृत धन के उपयोग की निगरानी, नशीली दवाओं के दुरूपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कोष (NFCDA) के तहत स्वीकृत धन के उपयोग की निगरानी करना, राज्य में फोरेंसिक क्षमता का गैप विश्लेषण और उसे भरने के लिए कदमों का कार्यान्वयन, राज्यों में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना और कोई अन्य मुद्दा जो समिति द्वारा उचित समझा जाए पर कार्य किये जायेंगे।