वो सबसे बड़ा नालायक, जो सांसद, विधायक बनने के बाद भी अंतुष्ट

वो सबसे बड़ा नालायक, जो सांसद, विधायक बनने के बाद भी अंतुष्ट

बाहर लाइन लगी और आप लोग आनंद में हो, यह नहीं चलेगा

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा सक्रिय और सख्त हो गई है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव गुरुवार को अनूसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ संवाद किए। बैठक पुराने भोपाल के संत रविदास मंदिर में आयोजित की गई। बैठक में भाजपा में कई साल से पदों पर जमे पदाधिकारियों, सांसद, विधायक, पार्षदों को दो टूक बात कही गई है। राव ने कहा कि 3 बार, 4 बार 5 बार सांसद, विधायक बनने के बाद भी जो कहे कि मुझे मौका नहीं मिला उससे बड़ा नालायक कोई नहीं।

राव का स्पष्ट संदेश उन वरिष्ठ नेताओं की तरफ था, जो मंत्रिमंडल और संगठन में जगह नहीं मिलने पर नाराज हैं और अक्सर मौकों पर सरकार को घेरने से नहीं चूकते। बैठक में प्रदेश प्रभारी राव ने कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा का एक मात्र एजेंडा दलित सशक्तिकरण है। दलितों के विषय में कोई काम रोजगार, शिक्षा से जुड़े छूटे हैं तो उन्हें छोडऩा नहीं है। राव ने कहा कि कांग्रेस ने पंचायत से पार्लियामेंट तक सत्ता चलाई, लेकिन अब फेल पार्टी है। 

कोई बहाना नहीं चलेगा

राव ने कहा कि कार्यक्रम बनाओ, दौरे करो। 15 घंटे काम करो। कोई बहाना नहीं चलेगा। मैं स्वयं मानीटरिंग करूंगा। बाहर लाइन लगी है और आप लोग आनंद में हो, यह नहीं चलेगा। उन्होंने विधायक-सांसदों को भी चेतावनी दी कि उनके कामकाज का भी मूल्यांकन होगा। रिकॉर्ड पर बातचीत होगी कि किसने क्या किया। वर्तमान समय टेक्नोलॉजी का युग है। इसलिए संगठन की सफलता के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।

पूछा-दो दिन पहले कौन प्रभारी बना 

राव ने बूथ प्रभारियों के साथ भाजपा कार्यालय में सुबह आठ बजे बैठक की। उन्होंने पूछा कि दो दिन पहले कौन-कौन बूथ प्रभारी बना है। इस पर सभी ने इंकार करते हुए कहा कि वे काफी समय से प्रभारी हैं। इस दौरान पन्ना प्रमुखों के काम को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में उन्होंने सभी को अच्छे से काम करने के लिए प्रेरित किया।

घर बैठने के लिए नहीं मिला पद

राव ने सभी पदाधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि उन्हें पद घर बैठने के लिए नहीं मिला है। सभी पदाधिकारियों को अपने प्रभार वाले इलाकों में दौरे करने ही होंगे। इतना ही नहीं, बैठक के दौरान ही राव ने पदाधिकारियों के लिए दौरों की समय सीमा भी तय कर दी गई है। महामंत्री स्तर के पदाधिकारियों को कम से कम 15 दिन प्रवास करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारियों के लिए भी समय सीमा तय की गई है। प्रदेश पदाधिकारियों को कम से कम 10 दिन तक प्रभार के इलाकों में प्रवास करना होगा।
इनके खतरे की घंटी
भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने जो बात दो टूक शब्दों में कही है। उसके बाद से चर्चा शुरू हो गई है कि सरकार और संगठन पर सवाल उठाने वाले विधायकों के लिए ये खतरे की घंटी है। गौरतलब है कि सत्ता-संगठन को भाजपा विधायक अजय विश्नोई, केदार शुक्ला, नारायण त्रिपाठी, राकेश गिरी, शरद कोल, पंचूलाल प्रजापति और जालम सिंह अक्सर कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। इससे सत्ता-संगठन की किरकिरी होती है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी विंध्य प्रदेश को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं।