बहुमंजिला बिल्डिंगों में निर्माण के समय ही प्राकृतिक गैस ढांचागत हेतु समन्वित प्रयास

बहुमंजिला बिल्डिंगों में निर्माण के समय ही प्राकृतिक गैस ढांचागत हेतु समन्वित प्रयास

4 लाख 82 हजार परिवारों तक डीपीएनजी सुविधा, 491 सीएनजी स्टेशनों सीएनजी वितरण

जयपुर। राज्य में हरित और स्वच्छ उर्जा को बढ़ावा देने के लिए बहुमंजिला बिल्डिंगों के निर्माण के समय ही पाइपलाईन से घरेलू गैस सुविधा डीपीएनजी उपलब्ध कराने की ढांचागत सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निर्माताओं से सीजीडी संस्थाएं समन्वय बनाएगी। प्रमुख शासन सचिव खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने 17 भौगोलिक क्षेत्रों में कार्य कर रही 13 सीजीडी संस्थाओं को भवन निर्माताओं से भी समन्वय बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। प्रर्यावरण प्रदूषण से राहत के लिए हरित उर्जा को बढ़ावा देना समय की मांग है और इसके लिए सीजीडी संस्थाओं को आम नागरिकों तक प्रभावी तरीके से पाइपलाईन से घरेलू गैस के सुरक्षित, प्रदूषणमुक्त, 24*7 उपलब्धता, स्वच्छ ईंधन आदि लाभों की प्रभावी तरीके से जानकारी पहुंचानी होगी। इसके लिए सीजीडी संस्थाओं को अवेयरनेस कार्यक्रम भी चलाने होंगे।

प्रमुख सचिव टी. रविकान्त गुरुवार को खनिज भवन में राज्य की सीजीडी संस्थाओं की प्रगति और सीजीडी सुविधा विस्तार के संबंध में बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4 लाख 82 हजार परिवारों को पाइपलाईन से घरेलू गैस सुविधा से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही वाहनों को हरित उर्जा उपलब्ध कराने के लिए राज्य में 491 सीएनजी स्टेशनों से सीएनजी उपलब्ध कराई जाने लगी है। सीजीडी संस्थाओं को अपने जीए क्षेत्र में संरचनात्मक ढांचा विकसित करने के कार्य में तेजी लानी होगी वहीं घरेलू के साथ ही औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी सेवाओं से जोड़ने के ठोस प्रयास करने होंगे।

रविकान्त ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में स्वच्छ उर्जा को बढ़ावा देने और सीजीडी संस्थाओं के कार्य को गति देने के लिए ही सीजीडी नीति जारी की है। इससे सीजीडी संस्थाओं की स्थानीय स्तर की समस्याओं का वहीं पर निस्तारण होने के साथ ही राज्य स्तरीय समस्याओं के निधान की राह भी प्रशस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सीजीडी पोर्टल भी जारी किया जा रहा है जिससे व्यवस्था और अधिक पारदर्शी व पेपरलेस हो सकेगी।

राजस्थान स्टेट गैस के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में 13 सीजीडी संस्थाओं द्वारा 17 जियोग्राफिकल एरिया में सीएनजी-पीएनजी आदि हरित उर्जा उपलब्ध कराने के लिए संरचनात्मक ढांचा विकसित करने के साथ ही तैयार क्षेत्र में डीपीएनजी कनेक्शन जारी कर सीएनजी उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। इस साल प्रदेश में 1 लाख 25 हजार नए डीपीएनजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 30 हजार से अधिक पीएनजी कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं और शेष कनेक्शन जारी करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।

सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक मनोज ने सीजीडी पोर्टल की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में सीजीडी संस्थाओं ने प्रदूषणमुक्त औद्योगिक क्षेत्र विकास के लिए प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने, घरेलू पीएनजी पर भी उज्ज्वला योजना की तरह अनुदान दिलाने, वाहनों में एलएनजी के उपयोग व प्रोत्साहन योजना लागू करने का सुझाव दिया।

बैठक में संयुक्त सचिव माइंस अरविन्द सारस्वत, अधीक्षण भूवैज्ञानिक एरियल सर्वे सुनील वर्मा, संयुक्त निदेशक पेट्रोलियम दिलीपराज शर्मा, उपनिदेशक सुशील हुड़्डा मोहन कुमावत, अंकित सोनी, आरएसजीएल के डीजीएम विवेक रंजन, डीएम आईटी गगनदीप राजोरिया व सीजीडी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।