दिल्ली में इस बार 25% लोगों में मिली कोरोना की एंटीबॉडी, 'आप' सरकार ने हाईकोर्ट के सामने रखी तीसरे सिरो सर्वे की रिपोर्ट

नई दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट को बुधवार को बताया गया कि राजधानी दिल्ली में सितंबर में हुए कोविड-19 के सिरो सर्वे में 25 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं, जबकि पिछले महीने करीब 29 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली थीं। 'आप' सरकार द्वारा दिल्ली में 1से 7 सितंबर के बीच कराए गए सिरो सर्वे के तीसरे चरण में ये परिणाम आए हैं। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के समक्ष यह रिपोर्ट रखी गई। बेंच राजधानी में कोविड-19 की जांच की संख्या बढ़ाने और तेज परिणाम के संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम के जरिये दाखिल रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने उल्लेख किया है कि अगस्त में 28.7 प्रतिशत लोगों में जबकि सितंबर में 25.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिलीं। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी, उत्तरी और मध्य जिलों सिरो सर्वे में कम लोगों में एंटीबॉडी मिलीं, जबकि दक्षिण, पूर्वी, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम जिलों में ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी मिलीं।
दिल्ली में 2 लाख 80 हजार के पास पहुंची COVID-19 संक्रमितों की संख्या
सर्वे के सभी चरण में ज्यादा महिलाओं में एंटीबॉडी मिलीं। इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के किशोर और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की तुलना में 18-49 आयु समूह के लोगों में कम एंटीबॉडी मिलीं। रिपोर्ट में कहा गया कि निचले सामाजिक-आर्थिक हैसियत वाले और अनियोजित कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में एंटीबॉडी के ज्यादा मामले मिले। दिल्ली सरकार ने राजधानी में 17,409 लोगों पर सर्वे किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वे के सभी चरण में बिना लक्षण वाले संक्रमण के ज्यादा मामले मिले। सिरो सर्वे में पाया गया कि करीब एक तिहाई भागीदार ऐसे थे जो पूर्व में कोविड-19 से संक्रमित हुए थे, लेकिन उनमें एंटीबॉडी नहीं मिलीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे प्रमाण हैं कि समय बीतने के साथ कोविड-19 के मामले में शरीर में एंटीबॉडी का स्तर घटता जाता है। दिल्ली सरकार ने बेंच को बताया कि सुनवाई की अगली तारीख 07 अक्टूबर को अदालत को बताएगी कि वह अगला सिरो सर्वे कब करेगी। इस दौरान 'आप' सरकार ने कोर्ट से कहा कि तीसरे सिरो सर्वे के प्रारंभिक परिणामों के बारे में आई खबरें गलत हैं और इसके अधिकारियों ने मीडिया को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है। सरकार के इस कथन पर अदालत ने कहा कि प्रेस को अविश्वसनीय न बताएं। अदालत के साथ इस तरह खेल मत खेलिए।
बेंच ने दिल्ली सरकार के इस दावे को स्वीकार नहीं किया कि मीडिया में आई खबरें गलत हैं और कहा कि प्रशासन ने खबरों को लेकर कोई खंडन जारी नहीं किया है। दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम ने कहा कि खबरों के अनुसार सर्वे के प्रारंभिक परिणामों में इसमें शामिल हुए 33 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोरोना वायरस रोधी एंटीबॉडीज मिलने की बात बताई गई है, जबकि अंतिम रिपोर्ट में यह आंकड़ा सिर्फ 25.1 प्रतिशत का है। सरकार ने यह अभिवेदन अदालत के इस सवाल पर दिया कि सिरो सर्वे के परिणाम बेंच के समक्ष रखने से पहले मीडिया को क्यों जारी किए गए। बेंच ने कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख 16 सितंबर को दिल्ली सरकार ने कहा था कि सर्वे के परिणाम तैयार नहीं हैं, लेकिन अगले ही दिन प्रारंभिक परिणाम मीडिया के पास उपलब्ध थे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता सत्यकाम ने अदालत को आश्वासन दिया कि मीडिया में आई खबरों के संबंध में आवश्यक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। अदालत अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कोविड-19 जांच की संख्या बढ़ाने और तुरंत परिणाम हासिल करने का अनुरोध किया गया है।