डॉक्‍टर की सलाह: होम आइसोलेशन में आक्सीजन लेवल पर रखें नजर

डॉक्‍टर की सलाह: होम आइसोलेशन में आक्सीजन लेवल पर रखें नजर

 गोरखपुर 
कोरोना का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। होम आइसोलेशन में रहने वालों को आक्सीजन स्तर की जांच करते रहना चाहिए। आक्सीजन का स्तर 95 से अधिक है तो परेशान होने की कोई बात नहीं। यह 90 से 94 के बीच हो तो तत्काल कंट्रोल रूम या चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

यह जानकारी सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि वायरस का असर फेफड़े पर पड़ता है। ऐसे में मरीजों को जल्दी-जल्दी सांस लेनी पड़ सकती है। थकान महसूस होती है। जरूरी है कि संक्रमित खानपान पर खास ध्यान दें। रोजाना सुबह सांस सम्बन्धी व्यायाम करें। आक्सीजन लेवल नीचे जाने से दिक्कत बढ़ सकती है। अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि संक्रमित नियमित रूप से अपनी सेहत पर नजर रखें। कोई बदलाव महसूस करें तो डॉक्टर को बताएं। सांस लेने में कठिनाई महसूस हो तो कंट्रोल रूम से संपर्क करें। ऐसा न करना घातक साबित हो सकता है। इसके अलावा सीने में लगातार दर्द व भारीपन होना, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में दिक्कत, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी और होंठों व चेहरे पर नीलापन आने की स्थिति में भी कंट्रोल रूम को सूचित करें।