कांग्रेस ने मेरी योजनाएं बंद की तो ईंट से ईंट बजा दूंगा: शिवराज सिंह चौहान

कांग्रेस ने मेरी योजनाएं बंद की तो ईंट से ईंट बजा दूंगा: शिवराज सिंह चौहान

भोपाल 
सूबे में सत्ता पलटते ही नई सरकार नयी योजनाएं बनाने लगी है. किसानों की कर्ज़माफ़ के साथ ही कन्या विवाह के दौरान मिलने वाली राशि बढ़ा दी गयी है. ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि शिवराज सरकार के दौरान शुरू हुईं योजनाओं का क्या होगा. राज्य के खाली ख़ज़ाने को देखते हुए पुरानी योजनाएं चला पाना मुश्किल लग रहा है.

मध्य प्रदेश में सरकार पलटते ही कमलनाथ सरकार ने शिवराज सरकार के दौरान जमेदेश आईएएस अधिकारियों को एक झटके में इधर से उधर कर दिया. पहली बड़ी प्रशासनिक सर्जरी में 45 से ज्यादा अधिकारियों को हटाया गया. इस बदलाव के साथ ही अब ये अटकलें भी शुरू हो गयी हैं कि क्या शिवराज सरकार के दौरान शुरु हुईं सरकारी योजनाओं को भी बंद किया जाएगा.

शिवराज सरकार ने चुनावी फायदे के लिहाज से भावांतर से लेकर संबल जैसी बड़ी योजनाएं लॉन्च की थीं. संबल योजना में 1 करोड़ से ज़्यादा ग़रीब लोगों को फायदा देने का टारगेट था. 200 रुपए में बिजली और पुराने बिजली बिल माफ करने जैसे प्रावधान शामिल थे.इस योजना के लिए शुरुआती दौर में करीब 800 करोड़ रुपए का बजट तय था. इसके कार्ड में शिवराज सिंह चौहान की फोटो लगायी गयी थी. किसानों को उनके भाव का अंतर देने के लिए भावांतर योजना भी शुरू की गई थी.

कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले किसानों के कर्ज़माफी की फाइल पर दस्तखञत किए. इसका फायदा सूबे के 33 लाख किसानों को होगा. कर्ज़माफ़ी से सरकार पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए का भार आएगा.इस योजना को अमली जामा पहनाने और पुरानी योजनाओं को जारी रखने के लिए सरकार को भारी भरकम बजट की ज़रूरत है.

सूबे पर पहले से पौने दो लाख करोड़ का कर्ज़ है. ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार पुरानी कुछ योजनाओं को बंद कर सकती है या उनमें बदलाव किया जा सकता है. सरकारी योजनाएं बंद होगी या नहीं लेकिन उससे पहले ही सूबे में सियासी पारा गरम है. खुद शिवराज ये बयान दे चुके हैं कि अगर उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई योजनाओं को बंद किया गया तो वो ईंट से ईंट बजा देंगे. अब देखना ये है कि कमलनाथ सरकार इन योजनाओं को लेकर क्या रुख़ अपनाती है.